1857 की क्रांति के महानायक राव गोपलदेव के वंशज राव बिजेंद्र सिंह ने रेवाड़ी नगर परिषद पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रशासन ऐतिहासिक धरोहरों को खत्म करने में लगा हुआ है. शहर के बीच स्थित रानी की डोढई राजमहल भी एक बड़ी धरोहर है. जिसके बाहर नगर परिषद् ने सड़क को ऊँचा उठाकर नए तरीके से निर्माण किया है. जिसके कारण राजमहल का बारिश का पानी बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया है. राव बिजेंद्र सिंह जो इस महल में रह रहे है और आज भी इस धरोहर को उसी प्रारूप में रखकर संभाले हुए है.
उनका ये कहना है कि नगर परिषद् ने कुछ लोगों के दबाव में सड़क को ऊँचा उठाकर बना दिया. जो सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के भी खिलाफ है. उन्होंने कहाँ कि काफी हद तक राजमहल के फ़र्स के लेवल को ऊँचा उठाया है. लेकिन नगर परिषद् ने तो इससे भी ऊँचा उठाकर बाहर सड़क को बना दिया है. इस बारे में उन्होंने प्रशासन को शिकायत की तो काम भी रुकवाया गया था. लेकिन फि देर रात सड़क का काम पूरा करा दिया गया . जो पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि वो पहले भी रेवाड़ी के ऐतिहासिक गेटों और अन्य धरोहरों की बचाने की लड़ाई लड़ते रहे है. अब अब दौबारा वो ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे.
इस मामले में रेवाड़ी नगर परिषद् के अधिकारीयों का कहना है कि उनके इंजीनियर्स की टीम ने मौके मौके का जायजा लिया है. उन्होंने सड़क उसी लेवल में बनाई है . जिस लेवल में पहले थी.