टेक्नॉलजी के इस दौर में साइबर क्राइम (crime) के मामले तेजी से बढ़ रहे है. आमजन जागरूकता के अभाव में ठगों का शिकार बन जा रहे है और ठग बड़ी आसानी से भोलेभाले लोगों को अपने झांसे में लेकर खाते में सेंध लगा रहे है. रेवाड़ी में साइबर ठगी से जुड़े दो ऐसे मामले सामने आये है. दोनों ही मामलों में पुलिस ने केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक रेवाड़ी शहर के मयुर विहार के रहने वाले राजीव कुमार के मोबाइल पर 6 फरवरी को SBI के नाम पर 51 हजार रुपए की FD होने का मैसेज आया था। राजीव ने अपने बेटे ललित को यह मैसेज दिखाया तो ललित कुमार ने गुगल से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया।
गुगल के जरिए मिले नंबर पर ललित ने फोन कर एफडी को बंद कराने की बात की। गुगल से मिला नंबर एसबीआई का नहीं, बल्कि शातिर ठग का निकला और उसने ललित को एनीडेस्क ऐप डाउनलोड कराई। ऐप डाउनलोड होने के बाद ललित अपने पिता के खाते से संबंधित पूरी जानकारी भरता चला गया। चंद सेकेंड बाद ही उसके पिता के खाते से पहली बार 14148 फिर 1116 रुपए निकाले गए। 25 हजार 265 रुपए खाते से कटने के बाद ललित ने फिर से उसी नंबर पर संपर्क किया।
पिता के बाद बेटे का भी खाता साफ
ललित ने जिस नंबर पर बात हुई उसी शख्स को बताया कि उसके पिता के खाते से 25 हजार से ज्यादा साफ हो गए। इसके बाद शातिर ठग ने यह कहते हुए ललित के खाते की जानकारी भी जुटा ली कि उसके पिता के खाते से कटी राशि उसके खाते में डाल दी जाएगी। लेकिन ललित के खाते में नकदी डलने की बजाए कुछ देर बाद ही उसके खाते से भी 3 बार में 4999, 5000 और फिर 3600 रुपए निकाल लिए।
इस तरह शातिर ठग ने पिता-पुत्र दोनों के खाते से 38 हजार 864 रुपए निकाल लिए। दोनों ने अपने खाते से संबंधित जानकारी जुटाकर रामपुरा पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी हैं।
KYC के नाम पर खाता साफ
एक दूसरे मामले में रेवाड़ी के ही गांव रामपुरी निवासी कैलाश चंद के साथ ठगी हुई है। शातिर ठग ने कैलाश चंद को कॉल कर कहा कि उनके खाते की KYC होनी है। उसका खाता एसबीआई की जाटूसाना ब्रांच में है। शातिर ठग ने नेट बैंकिंग के जरिए पहले खाते से संबंधित पिन और ओटीपी पूछा और फिर 3 बार में उसके खाते से 31 हजार 600 रुपए निकाल लिए।
पहली बार में 20 हजार, दूसरी बार 10 हजार और तीसरी बार में 1600 रुपए निकाले। खाते से नकदी निकलने के तुरंत बाद कैलाश चंद ने बैंक पहुंचकर खाता बंद कराया और फिर जिस खाते में नकदी ट्रांसफर हुई उसकी जानकारी जुटाकर पुलिस को शिकायत दी। जाटूसाना थाना पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरु कर दी है।