आपको बता दें कि कालका रोड स्थित विकास नगर निवासी जगदीश नाम के व्यक्ति से दो लाख रूपए की घूस मांगी गई थी. जगदीश को एक प्रोपर्टी परिवार के सदस्य के ट्रांसफर करानी थी. जिसके लिए एनडीसी की जरूरत थी. जगदीश ने आरोप लगाया था कि नगर परिषद् का इंजीनियर सोहन उससे दो लाख की घूस मांग कर रहा है. जिस मामले में सोहन के पिता नन्दलाल और ईओ अभे सिंह का नाम सामने आया था. विजिलेंस टीम ने तीन नामजद अधिकारियों के खिलाफ 29 मार्च को भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था.
इस कार्रवाई के बाद एमई सोहन और उसका पिता एसडीओ नंदन लाल अभीतक सामने नहीं आयें है. जबकि ईओ अभय सिंह नगर परिषद स्थित अपने कार्यालय में मौजूद है. आज घंटों तक विजिलेंस टीम नगर परिषद् में मौजूद रही. विजिलेंस टीम ने सीसीटीवी फुटेज सहित जरुरी सबूत अपने कब्जे में लिये है. विजिलेंस टीम के अधिकारी ने कहा कि अभी जाँच चल रही है. उसके बाद ही कुछ बता पायेंगे. जहाँ तक गिरफ्तारी की बात है तो वो जाँच के बाद ही की जायेगी. जबकि ईओ अभे सिंह से जब उनपर दर्ज की गई ऍफ़आईआर के बारे में पूछा गया तो वो केवल सिर्फ बार-बार ये कहते रहे कि उन्हें जाँच एजेंसी पर भरोसा है.
यहाँ आपको बता दें कि बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का दम भर रही है. लेकिन आयें दिन सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों को देखकर लगता है सरकारी कार्यालयों में अभी भी बीना घूस दिए कोई काम नहीं होता है. कैबिनेट मंत्री डॉ बनवारी लाल से जब बढ़ते भ्रष्टाचार के मामलो के बारे में पूछताछ तो उन्होंने कहा कि उनकी सरकार एक्शन ले रही है. तभी भ्रष्टाचार के मामले नजर आ रहे है, वरना पहले की सरकारें तो कोई कार्रवाई ही नहीं करती थी.
बहराल रेवाड़ी नगर परिषद के घूसखोरी मामले में विजिलेंस टीम की जाँच चल रही है. आरोपी अधिकारियों पर केस दर्ज तो किया गया है. लेकिन उनको सस्पेंड अभीतक नहीं किया गया है. रेवाड़ी के कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव भी इस मामले में मामले की जाँच होने तक आरोपियों अधिकारियों सस्पेंड करने की मांग कर चुके है.