रेवाड़ी के डहीना गाँव निवासी दो अनाथ नाबालिग लड़कियां पेंशन बनवाने के लिए काफी समय से अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रही है लेकिन पेंशन नहीं बन पाई. जिसके बाद गुरूवार को समाजसेवी एडवोकेट कैलाशचंद के पास मदद के लिए ये दोनों बच्चियां पहुँची और एडवोकेट कैलाशचंद ने सबंधित विभागों को शिकायत करके जल्द पेंशन बनवाने की मांग की. 17 वर्षीय नाबालिग लड़की और उसकी 9 वर्षीय छोटी बहन के सिर से माता –पिता दोनों का साया उठ चूका है. जिन्होंने सरकार से मिलने वाली पेंशन के लिए आवेदन किया था. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
दोनों बहन रेवाड़ी के गाँव डहीना की रहने वाली है. जिनके पिता महेंद्र सिंह की वर्ष 2016 में मृत्यु हो गई थी और माता हेमलता की वर्ष 2021 में कॉविड19 बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. माता –पिता का साया सिर से उठने के बाद दोनों नाबालिग बहनों पर क्या बीत रही होगी ये केवल वहीँ समझ सकती है. लेकिन सिस्टम की सिस्टम की उदासीनता तो देखिये दोनों बेटियों को पेंशन के लिए धक्के खाने पड़ रहे है. खास ऐसा होता कि दोनों बेटियों के पास खुद प्रशासनिक अधिकारी पहुँचते और सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने में मदद करते , लेकिन यहाँ तो इन ये बेटियों खुद अधिकारियों के पास गुहार लगाती रही लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की.
हालंकि अब कैलाश चंद एड्वोकेट द्वारा दोनों बेटियों की समस्या की शिकायत मुख्यमंत्री, समाजकल्याण विभाग के मंत्री व डायरेक्टर, जिला उपायुक्त, अतिरितक जिला उपायुक्त, जिला समाज कल्याण अधिकारी को ईमेल करके की साथ ही उन्होंने खुद जिला उपायुक्त के सामने अपना दर्द बयान किया. जिसके बाद उपायुक्त रेवाड़ी ने समाज कल्याण अधिकारी को फोन करके पेंशन बनवाने के लिये आदेश किये , जिसके बाद तुरंत समाज कल्याण अधिकारी ने जल्द पेंशन बनाने का भोरोसा दिलाया और एक रसीद भी जारी की. शिकायत के बाद दोनों बहनों के लिए पेंशन के लिए अप्रूवल कर दिया गया है.