खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा जनवरी 2020 में वितरण के लिए भेजे गए बाजरे के रिकॉर्ड का मिलान नहीं हो पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक विभाग की ओर से बिना डिपो पर बाजरा भेजे ही इसका रिकार्ड अपडेट कर दिया गया। यह मामला 270 क्विंटल बाजरे का है। जब जांच के दौरान बाजरे के रिकॉर्ड का मिलान नहीं हो पाया तो अधिकारियों ने इस बारे डिपो धारकों से रिपोर्ट मांगी।
हांसी क्षेत्र के कुल 12 डिपो धारकों से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया। जब डिपो धारकों ने इस बारे अधिकारियों से मिलकर बात की तो पता चला कि वास्तव में डिपो पर बाजरा भेजा ही नहीं गया था। सभी 12 डिपो धारकों ने इस बारे में लिखित में अधिकारियों को दिया है। जनवरी 2020 में खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से कार्ड धारकों में वितरण के लिए डिपूओ पर बाजरा भेजा गया था। परंतु हांसी क्षेत्र के 12 डिपो धारकों के पास इस बाजरे की सप्लाई नहीं पहुंच पाई। जब इस बारे पूरे रिकॉर्ड की जांच की गई और अधिकारियों ने जब इस बारे में डिपो धारकों से पूछा तो डिपो धारकों का कहना था कि जनवरी 2020 में उनके पास बाजरे की सप्लाई नहीं पहुंचाई गई। अब अधिकारियों द्वारा इस बारे सभी डिपो धारकों से लिखित में जवाब मांगा जा रहा है।
वहीं अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में कान्फेड से बाजरे के स्टाक का मिलान किया जाएगा। अधिकारियों को ये भी कहना है उन्होंने डिपो धारकों के रिकॉर्ड की जांच अपने स्तर पर की है और पता चला है कि वास्तव में डिपो धारकों के पास बाजरे की सप्लाई नहीं पहुंची थी। हिसार के साथ ही अन्य जिलों में भी बाजरे की सप्लाई नहीं पहुंची है। विभाग की इस गलती के कारण अब डिपो धारकों को दफ्तरों के चक्कर जरूर काटने पड़ेगे। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और पता लगाया जाएगा कि वास्तव में गलती कहां हुई है।