दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाइवे भारत का सबसे लम्बा एक्सप्रेसवे है जिसकी लम्बाई लगभग 1380 किलोमीटर है.जो लगभग बनकर 2023 तक तैयार हो जायेगा.वही इस राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण कार्य शुरू करने के लिए प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. वहीं इस कड़ी में अलवर जिले को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से एक बड़ी सौगात मिली है. हरियाणा के पनियाला से अलवर जिले के बड़ौदामेव तक करीब 86 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग को मंजूरी दे दी गई है. बताया जा रहा है इस एक्सप्रेसवे के लिए अलवर जिले में1748 हेक्टेयर भूमि की जरूरत पड़ेगी.
यह हाइवे कोटपुतली क्षेत्र से गुजरेगी, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी. कोटपुतली क्षेत्र में इसकी लंबाई 0.305 किमी होगी जबकि अलवर में इसकी लंबाई करीब 86 किलोमीटर है. राजमार्ग को जरूरत के हिसाब से इंटरचेंज, अंडर पास व फ्लाईओवर बनाए जाएंगे. हालांकि इनकी संख्या अभी निर्धारित नहीं हुई है. मिले सूत्रों के मुताबिक इस मार्ग पर किसी भी रास्ते को चौड़ा नहीं किया जाएगा, बल्कि उसे दोबारा नए सिरे से बनाया जाएगा. राजमार्ग कोटपुतली, बानसूर, मुंडावर, किशनगढ़ बास, अलवर, रामगढ़-लक्ष्मणगढ़ होते हुए पनियाला मोड़ होते हुए दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा.
पनियाला मोड़ से अलवर में बड़ौदामेव तक भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित नए राष्ट्रीय राजमार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 148B नाम दिया गया है.इस राजमार्ग के लिए करीब 56 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इस हाईवे में कोटपुतली के दो गांव, बानसूर के 14, मुंडावर के 9, अलवर के 18, किशनगढ़ बास के दो, रामगढ़ के 9 और लक्ष्मणगढ़ के 2 गांव शामिल किए जाएंगे.
इस नए हाइवे निर्माण से अलवर जिले के अलावा सीकर झुंझुनू, से लेकर श्रीगंगानगर और हरियाणा के नारनौल, रेवाड़ी, हिसार, नूंह, मेवात के लोगों का कश्मीर और मुम्बई से जुड़ाव हो सकेगा. इस हाइवे की खास बात यह कि यह मार्ग जिस भी क्षेत्र से गुजरेगा, वहां विकास को गति देगा. इसका कारण है कि यह हाइवे पूरी तरह नए सिरे से बनाया जाएगा. हाईवे पनियाला मोड़ से कोटपूतली, बानसूर, मुंडावर, किशनगढ़ बास, अलवर, रामगढ़ लक्ष्मणगढ़ से होता हुआ दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस- वे से जुड़ेगा. यह राजमार्ग कैमरा, स्पीड कंट्रोल, वाईफाई, और एक्सेस कंट्रोल जैसी सुविधाओं से लैस होगा. वहीं राजमार्ग को अभी फोर लेन में बनाया जाएगा, बाद में इसका विस्तार जरूरत के हिसाब से किया जाएगा.