डेंगू का डंक: रेवाड़ी में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जरुरी है कि सभी सावधानी बरते और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें. इस वर्ष रेवाड़ी में डेंगू के अबतक 31 केस सामने आ चुके है. जिससे देखते हुए जिला उपायुक्त यशेंद्र सिंह प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ बैठक कर डेंगू की रोकथाम और इलाज के लिए किये जा रहे इंतजामों की समीक्षा भी कर रहे है. डीसी ने कहा कहा कि डेंगू की रोकथाम को लेकर जो उचित कदम उठाने की आवश्यकता है उसपर काम करें .
आपको बता दें कि डेंगू बुखार मानसून व मानसून के पश्चात विशेषकर सितंबर, अक्टूबर महीने में फैलता है। इसी प्रकार इस वर्ष जिला रेवाडी में जैसे कि बरसात का मौसम चलता रहा, जिससे कि पानी भी जगह-जगह एकत्रित हुआ, जिस कारण से इस वर्ष डेंगू के केस में बढोतरी हुई है। जिला रेवाडी में 2018 में 118 केस, 2019 में 27 केस , 2020 में 39 केस व 2021 में अब तक 31 केस पाए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को विशेष जागरूकता अभियान चलाकर 1222 नोटिस दिए गए , जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। एमपीएचडब्ल्यू आशा वर्कर घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ खडे पानी में काला तेल डालकर मच्छरों की पैदाईश को खत्म किया जा रहा है। इस वर्ष जिला में आज तक डेंगू के 31 केस कन्फर्म पाएं गए है, जिनमें से एक नागरिक अस्पताल में एडमिट है।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने बताया कि मच्छरों को मारने के लिए तालाबों में गंबुजिया मछलियां छोड़ी गई हैं और काले तेल का छिडकाव किया गया है ताकि मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे अपने आपको डेंगू व अन्य वायरल बुखार से सुरिक्षत रखने के लिए पूरी सावधानी बरतें और सतर्क रहें।
बचाव के लिए क्या करें !
डेंगू एक वायरल बिमारी है, जो कि एडीज मच्छर के काटने से फैलती है। एडीज मच्छर सुबह के टाईम काटता है और यह साफ व खडे पानी में अण्डे देता है। इसलिए हमें अपने घर व आस-पडोस में जहां पर भी पानी खड़ा हो , चाहे वो किसी पाईप लिकेज का हो या बरसात का हो। उसको खत्म करना चाहिए। अगर खत्म नहीं कर सकते है तो इस प्रकार के पानी को सप्ताह में एक बार खली करके एक दिन के लिए उस पात्र को सप्ताह में एक बार सुखा लेना चाहिए। जैसे कि कूलर, गमले, घर में रखे हुए फ्लावर पोट, पक्षियों के लिए रखे गए पानी के पात्र, पशुओ के पानी पीने के पात्र आदि।