CBSE ICSE 10th 12th offline exam decision: सुप्रीम कोर्ट CBSE और ICSE द्वारा प्रस्तावित 10 वीं और 12 वीं परीक्षा ऑफलाइन कराने के फैसले को चुनौती देने की याचिका पर सुनवाई को तैयार है. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ने कहा जस्टिस खानविलकर की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.
15 राज्यों के छात्रों ने अर्ज़ी दाखिल कर ऑफलाइन परीक्षा के बजाए वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से कराने की मांग की है. याचिका में देश के विभिन्न हिस्सों के उन छात्रों की सूची भी शामिल है, जिन्होंने बोर्ड परीक्षा के मुद्दों के संबंध में सहाय से संपर्क किया था. याचिका में सभी बोर्डों को समय पर रिजल्ट घोषित करने के लिए निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण सुधार परीक्षा के विकल्प देने की भी मांग की गई है. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सीबीएसई द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कराई जानी है.
याचिका के अन्य याचिकाकर्ताओं में छात्रों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों के माता-पिता भी हैं, जो बोर्ड के फैसले से व्यथित थे. इस परीक्षा में प्रदर्शन के लिए जो मानसिक दबाव बनाया जाता है, वह इतना अधिक है कि हर साल कई छात्र डर के मारे आत्महत्या कर लेते हैं. याचिका में कहा गया है कोविड -19 वायरस से संक्रमित होने के अतिरिक्त डर के साथ छात्रों को परीक्षा में शामिल होना और उनका सामना करना न केवल अनुचित होगा, बल्कि यह बिल्कुल अमानवीय होगा. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि उनका दावा वास्तविक है और संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के तहत शिक्षा के उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है.