ठंड के मौसम में बेसहरा असहाय व्यक्ति के लिए जिला प्रशासन द्वारा रहने की व्यवस्था की हुई है और वृद्धजनों के लिए वृद्धाश्रम चलायें जा रहे है. जिस वृद्धाश्रम में 102 वर्षीय एक वृद्ध को आश्रय दिलाने जब एडवोकेट कैलाशचंद गए तो जवाब मिला कि जिनके पास पहचान के दस्तावेज होते है और हरियाणा का निवासी है केवल उन्हीं वृद्धजनों को आश्रय दिया जाता है. जिसके बाद काफी प्रयासों के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी के निर्देश पर जनता कल्याण समिति रेवाड़ी में वृद्ध की आश्रय दिया गया है.
एडवोकेट कैलाशचंद ने बताया कि राजबाला चौहान को सुचना मिली थी कि एक वृद्ध जिसकी उम्र करीबन 102 वर्ष है वो गाँव डवाना के एक मंदिर में एक महीने से रह रहे है. जो खुद कोई भी कार्य करने में असक्षम है और ना ही उनकी देखभाल करने वाला है. जिसके बाद राजबाला चौहान ने वृद्ध को अपने घर शरण दी साथ ही एडवोकेट कैलाशचंद को सुचना दी. जिसके बाद आज कैलाश चंद्र एडवोकेट वृद्ध आश्रय दिलाने के लिए उपायुक्त जिला रेवाड़ी कार्यालय में गए, लेकिन वहां जिला उपायुक्त ना मिलने के कारण एसडीएम से मुलाक़ात की गई.
जिन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी से मुलाक़ात करने की बात कहीं. जिस अधिकारी ने उन्हें बताया कि बिना किसी पहचान के दस्तावेज के हम इन्हें सरकारी वर्द्ध आश्रम में नही ठहरा सकते हैं, जिस पर अधिवक्ता ने कहा कि सहयोग के लिये पहचान दस्तावेज वे खुद का दे सकते हैं परन्तु इस बात पर समाजकल्याण अधिकारी सहमत नही हुए, उन्होंने बताया कि सिर्फ हरियाणा प्रदेश के नागरिकों को ही हम सरकारी वर्द्धाश्रम में ठहरा सकते हैं, जिसके उपरांत समाज कल्याण अधिकारी रेवाड़ी द्वारा जनता कल्याण समिति रेवाड़ी को एक पत्र जारी करके वर्द्धजन को ठहराने के निर्देश दिए गए.
जिसके बाद कैलाश चंद एड्वोकेट जनता कल्याण समिति जिला रेवाड़ी में गए और वर्द्धजन को आश्रय देने की बात रखी तो उन्होंने इसका मेडिकल और कोविड टेस्ट करवाने को कहा, जिसके बाद कोविड टेस्ट करवाकर वर्द्धजन को समिति के आश्रय स्थान पर ठहराया गया, इस प्रक्रिया में एडवोकेट कैलाश चंद के साथ एडवोकेट सीमा सैनी , राजबाला चौहान आनंदपाल, अनिल सिंह चौहान और नीरज सिंह तँवर शामिल रहें.