दिल्ली-एनसीआर को एक सूत्र में पिरोने के लिए मेट्रो रेल का जाल तेजी से बिछाया जा रहा है। इसके चलते एनसीआर में 6 नए मेट्रो रेल कॉरीडोर का प्लान तैयार किया गया है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का मानना है कि लोगों को अधिक से अधिक परिवहन सुविधा देने के लिए मेट्रो का जाल बिछाया जाना बेहद जरूरी है। इससे एक तो लोगों का समय बचेगा, दूसरा दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण तथा जाम की समस्या से भी बचाया जा सकता है।
आने वाले कुछ सालों में दिल्ली-एनसीआर में 6 नए कॉरीडोर बनाने की योजना को तैयार करने की सलाह दी गई है। इस नए कॉरीडोर के अंतर्गत ही गुरूग्राम और फरीदाबाद के बीच ना केवल मेट्रो रेल चलाने की स्वीकृति शामिल है, बल्कि हरियाणा के इन दोनों महत्वपूर्ण शहरों को सीधे नोएडा एयरपोर्ट से जोडऩे की योजना है। इससे इन शहरों के लोगों का नोएडा (जेवर) एयरपोर्ट पर पहुंचना आसान हो जाएगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने अपने साल 2041 के ड्राफ्ट में यातायात साधनों पर फोकस किया है।
इसमें नए हाईवे, रेल मार्ग और मेट्रो सेवा पर विशेष ध्यान दिया गया है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण और बढ़ते जाम को तक तक समाप्त नहीं किया जा सकता, जब तक सडक़, रेल और मेट्रो सेवा लोगों को उपलब्ध नहीं करवाई जाती। एनसीआर में प्रदूषण की करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के वाहनों की है। इसलिए इस क्षेत्र को बेहतर बनाने से ही प्रदूषण की मात्रा को कम किया जा सकता है। इसके लिए सबसे अधिक जरूरत मेट्रो सेवा के विस्तार की है।
फिलहाल मेट्रो सेवा को दिल्ली के साथ साथ फरीदाबाद, नोएडा, गुरूग्राम और गाजियाबाद से जोड़ा जा चुका है। अगले विस्तार में इसकी पहुंच अन्य शहरों तक ले जाने की होगी। जब तक मेट्रो का विस्तार नहीं किया जाएगा, तब तक यातायात जाम और प्रदूषण की मात्रा को कम करना बेहद मुश्किल होगा। इसके चलते ही 6 नए कॉरीडोर की पहचान की गई है, ताकि दूसरे चरण में मेट्रो सेवा से अन्य शहरों को भी जोड़ा जा सके। इसके चलते ही अब इन नए कॉरीडोर में सोनीपत को पानीपत, गाजियाबाद को मेरठ, फरीदाबाद से पलवल, पलवल से जेवर तक नई मेट्रो लाईन को बिछाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। वहीं फरीदाबाद और गुरूग्र्राम के बीच मेट्रो लाईन प्रस्तावित है।
इसके अलावा शहरों के कई शहरों को भी इस कॉरीडोर में शामिल किया जा रहा है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने जिन शहरों को इस कॉरीडोर में स्थान देने का प्रस्ताव तैयार किया है, उनमें बहादुरगढ़-रोहतक और गुरूग्राम से मानेसर-रेवाड़ी को मेट्रो रेल से जोडऩे की योजना है। इससे एनसीआर की सडक़ों पर जहां वाहनों का बोझ कम होगा ,वहीं सार्वजनिक यातायात सेवा को बढ़ावा मिल पाएगा। इसका लाभ यह होगा कि इन शहरों में जाने वाले लोगों को बिना जाम के यात्रा करना आसान हो जाएगा तथा प्रदूषण की मात्रा में तेजी से कमी आएगी। इसके आलवा रोजगार और बिजनेस की दृष्टि से भी इसका खासा महत्व होगा।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने अपने ड्राफ्ट में मेट्रो रेलों की स्पीड को बढ़ाने पर जोर दिया है। ताकि लोग जल्द से जल्द अपनी मंजिल पर पहुंच सकें। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के अनुसार मेट्रो रेल की स्पीड को 70 किलोमीटर प्रति घंटा करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जोकि फिलहाल 32 किलोमीटर प्रति घंटा है। इससे लोगों का समय बचेगा और वह सार्वजनिक यातायात का अधिक से अधिक प्रयोग करेंगे। दिल्ली से मेरठ के लिए प्रस्तावित लाईन पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से मेट्रो रेल चलाने की योजना है, जिससे लोगों के सफर में लगने वाला समय आधा हो जाएगा।