दिल्ली से गुरुग्राम- रेवाड़ी और अलवर के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना रैपिड रेलवे कॉरिडोर सिस्टम (RRTS) का काम पूरा होने के बाद रेवाड़ी और अलवर की तस्वीर बदलने वाली है. हालाँकि इस कार्य को पूरा होने में अभी समय लागेगा. देशभर में यात्रा को सुरक्षित, सुगम और आसान बनाने के लिए हाइवे के निर्माण किये जा रहे है और रेल नेटवर्क बढ़ाया जा रहा है. इसी तरह दिल्ली से आस –पास के इलाकों में मेट्रो का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है. दिल्ली- रेवाड़ी –अलवर के लिए भी रैपिड रेल कॉरिडोर पर काम किया जा रहा है.
दिल्ली से अलवर तक के इस मार्ग पर पहले चरण में बहरोड़ तक काम किया जाना है. इसमें सराय कालेखां से गुरुग्राम, रेवाड़ी, शाहजहांपुर, नीमराना व बहरोड़ तक रेलवे ट्रैक का निर्माण होगा. इस पर कुल 16 स्टेशन बनेंगे. दिल्ली से उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के शहरों को जोड़ने के लिये रैपिड रेल कॉरिडोर तैयार किए जा रहे हैं. दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस प्रोजेक्ट के फेज-1 पर काम जारी है. दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर रेल कॉरिडोर भी बनाया जाना है.
दिल्ली-अलवर आरआरटीएस परियोजना का विवरण
दिल्ली-रेवाड़ी-अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर की कुल लंबाई, जो 2024 में पूरा होने के लिए निर्धारित है, 164 किलोमीटर है। समय पर निर्माण पूरा करने के लिए परियोजना को तीन चरणों में विभाजित किया गया है।
पहला चरण: दिल्ली से शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ (एसएनबी) शहरी परिसर: यह दिल्ली के सराय काले खां से शुरू होकर एसएनबी कॉम्प्लेक्स पर समाप्त होगा। 106 किलोमीटर के इस मार्ग में से 75 किलोमीटर हरियाणा में है, जबकि शेष दिल्ली में है। जमीन की कमी के कारण दिल्ली और गुड़गांव के शुरुआती कुछ स्टेशन भूमिगत होंगे। पहले चरण में कुल 16 स्टेशन होंगे।
दूसरा चरण: एसएनबी अर्बन कॉम्प्लेक्स से सोतानाला: इसमें शाहजहांपुर, नीमराना और बहरोड़ के रास्ते में स्टेशन शामिल होंगे। 33 किमी के इस मार्ग में कई गोदाम हैं और औद्योगिक इकाइयाँ और इसे उत्तर भारत के अगले वेयरहाउसिंग हब के रूप में देखा जाता है।
तीसरा चरण: सोतानाला से अलवर: 58 किलोमीटर के इस खंड के सभी स्टेशन राजस्थान में पड़ेंगे, जिसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होना बाकी है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ट्रांसपोर्ट निगम (NCRTC) के अधिकारियों का कहना है, “दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर, नीमराना, बहरोड़ अर्बन कॉम्प्लेक्स) प्रोजेक्ट के डीपीआर को हरियाणा और राजस्थान सरकार की ओर से मंजूरी दी जा चुकी है. आपको बता दें कि हरियाणा के जिस हिस्से ये रैपिड मेट्रो गुजरने वाली है. वहां से मट्टी की जाँच आदि की प्रकिया पूरी की जा चुकी है और रूट पर आने वाले हाईटेंशन तारों. बिजली के पोल सहित रुकावटों को दूर करने के लिए काम किया जाना है.
106 किलोमीटर के रूट पर 16 स्टेशन
106 किलोमीटर के रूट पर 16 स्टेशन होंगे. ये स्टेशन सराय काले खां, जोरबाग, मुनरिका, एयरो-सिटी, उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेडा, एमबीआईआर, रेवाड़ी, बाबल और एसएनबी होंगे. 7 स्टेशन (उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़की धौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक) गुरुग्राम में बनाए जाएंगे. इसमें से 2 स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे, जबकि शेष 5 स्टेशन एलिवेटेड होंगे. इस कॉरिडोर के बन जाने के बाद दिल्ली से बहरोड़ तक 106 किलोमीटर का सफर हाई स्पीड ट्रेन से महज 70 मिनट में पूरा होगा. 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से इस ट्रैक पर ट्रेन दौड़ेगी. 5 से 10 मिनट में ट्रेन मिलेगी.