टोक्यो पैरालंपिक में जैवलिन थ्रो स्पर्धा में सोनीपत के गांव खेवड़ा के सुमित आंतिल ने सोमवार को गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। पैरालंपिक में पहली बार देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे सुमित आंतिल ने वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम करते हुए सोने का तमगा अपने नाम किया। सुमित ने जैवलिन थ्रो के एफ-64 इवेंट के अपने दूसरे प्रयास में 68.08 मीटर का थ्रो किया और विश्व रिकॉर्ड बना डाला।
टोक्यो पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे सुमित आंतिल का सफर कठिनाइयों भरा रहा है। छह साल पहले हुए सड़क हादसे में एक पैर गंवाने के बाद भी सुमित ने जिंदगी से कभी हार नहीं मानी और बुलंद हौसले से हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला किया। चेहरे पर मुस्कान रखने वाले सुमित ने न सिर्फ अपने से बड़ी तीन बहनों रेनू, सुशीला व किरण को हौसला दिया, बल्कि इकलौते बेटे के साथ हुए हादसे से दुखी मां निर्मला देवी को भी कहा है, मां रो मत, मैं आपको जीवन की हर खुशी दूंगा। सुमित ने अपनी कही बात को सच कर दिखाया और कड़ी मेहनत से टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड जीतकर मां व बहनों को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान किया।
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सुमित आंतिल का जन्म 7 जून 1998 को हुआ था। तीन बहनों के इकलौते भाई ने परिवार की कमी को पूरा कर दिया। सुमित जब सात साल का था, तब एयरफोर्स में तैनात पिता रामकुमार की बीमारी से मौत हो गई। पिता का साया उठने के बाद मां निर्मला ने हर दुख सहन करते हुए चारों बच्चों का पालन-पोषण किया। निर्मला देवी ने बताया कि सुमित जब 12वीं कक्षा में था, कॉमर्स का ट्यूशन लेता था। 5 जनवरी 2015 की शाम को वह ट्यूशन लेकर बाइक से वापस आ रहा था, तभी सीमेंट के कट्टों से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने सुमित को टक्कर मार दी और काफी दूर तक घसीटते ले गई। इस हादसे में सुमित को अपना एक पैर गंवाना पड़ा।
निर्मला देवी ने बताया कि हादसे के बावजूद सुमित कभी उदास नहीं हुआ। रिश्तेदारों व दोस्तों की प्रेरणा से सुमित ने खेलों की तरफ ध्यान दिया और साई सेंटर पहुंचा। जहां एशियन रजत पदक विजेता कोच विरेंद्र धनखड़ ने सुमित का मार्गदर्शन किया और उसे लेकर दिल्ली पहुंचे। यहां द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच नवल सिंह से जैवलिन थ्रो के गुर सीखे। सुमित ने वर्ष 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया, लेकिन 5वीं रैंक ही प्राप्त कर सका। वर्ष 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता। इसी वर्ष हुए नेशनल गेम में सुमित ने स्वर्ण पदक जीत खुद को साबित किया। सुमित की बहन किरण ने बताया कि उसने सुमित को बेहतर खेल के लिए शुभकामनाएं दी हैं।