देश की लाइफ लाइन कहे जाने वाला दिल्ली –जयपुर हाइवे बंद होने के कारण वाहनों चालकों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हो चुके है कि सड़के खत्म हो चुकी है और मिनटों का सफ़र वाहन चालकों को घंटों में तय करना पड़ रहा है. वहीँ आसपास के गांवों के लोगों के लिए भी भारी वाहनों का दबाव बड़ी सिरदर्दी बना हुआ है. टूटी सड़के , वाहनों की लगी कतार और रैंग-रैंग के चलते भारी वाहनों की ये तस्वीर रेवाड़ी के शाहजाहाँपुर – रेवाड़ी रोड़ की है. जहाँ सडक में गहरे –गहरे गड्ढे हो चुके है. कई जगह कि तस्वीर तो ऐसी है ..जिसे देखकर आप ये नहीं कह सकते कि कभी यहाँ सड़क भी हुआ करती थी. और ये सब इसलिए हुआ है कि हाइवे बंद है.
आपको बता दें कि दिल्ली –जयपुर हाइवे हरियाणा राजस्थान बॉर्डर पर राजस्थान की सीमा में किसान हाइवे के बीच बैठे हुए है. जिसके कारण यातायात को गांवों से होकर गुजरने वाली सडकों से डाइवर्ट किया हुआ है. जिसके कारण रोड़ छोटी और भारी वाहनों का दबाव ज्यादा होने एक कारण सड़के टूट चुकी है. जहाँ अक्सर वाहन पलट भी जाते है. हालांकि थोड़ी राहत की बात ये है कि दिल्ली से जयपुर जाने वाली हाइवे की सर्विस लाइन को खोला हुआ है. और अब जयपुर से दिल्ली जाने के लिए छोटे वाहनों को भी हाइवे से ही धीरे-धीरे निकाला जा रहा है. लेकिन भारी वाहनों को आसपास के गाँवों से निकलना पड़ता है. जिससे पैसे और समय दोनों की बर्बादी हो रही है.
वहीँ ग्रामीणों के लिए भी भारी वाहनों की आवाजाही बड़ी सिरदर्दी बना हुआ है. हरियाणा –राजस्थान बॉर्डर पर जयसिंहपुर खेड़ा से पहले वाहनों को शाहजहांपुर रोड़ की तरफ डाइवर्ट किया जाता है. जिन्हें भी नैहचना रोड़ से वापिस हाइवे पर चढ़ने के लिए डाइवर्ट किया हुआ है. यानी दुगना वाहनों को घूमना पड़ता है. रोड़ छोटी और टूटी होने के कारण घंटों जाम में खड़ा रहना पड़ता है. लोगों का कहना है कि ये सब किसान आन्दोलन के कारण झेलना पड़ रहा है. हाइवे बंद ना होता तो आज ऐसे हालात नहीं होते .