Home राष्ट्रीय स्वामित्व योजना से बदलेगी गाँवों की तक़दीर

स्वामित्व योजना से बदलेगी गाँवों की तक़दीर

73
0

स्वामित्व योजना से बदलेगी गाँवों की तक़दीर

स्वामित्व योजना से बदलेगी गाँवों की तक़दीर

ग्रामीण क्षेत्रों के उद्धार के लिए अबतक रही सरकारों ने काफी प्रयास किया लेकिन उम्मीदों के मुताबिक सफलता हांसिल नहीं मिल पाई. लेकिन मोदी सरकार  एक ऐसी योजना लेकर आई  है जो गांवों की पूरी तरह से तक़दीर बदल देगी . योजना के तहत कहने के लिए तो गाँव के लाल डोरे के अंदर अब ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक़ मिल पाएगा . लेकिन उसके आलावा बड़ी बात ये है की जो सुविधा शहर के लोग अपने प्रोपर्टी के आधार पर ले पाते थे अब वो गाँव के लोग भी ले पायेंगे . इस वर्ष पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की स्वामित्व योजना का कार्य पूरा होने के बाद गांवों की तक़दीर तो बदल पाएगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होता नजर आ रहा है.  यहाँ आपको बता दें की देश के विभिन्न राज्यों में इस योजना के तहत ड्रोन से मैपिंग कराई जा रही है . जिसके बाद ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक़ दिया जा रहा है.

 

इस योजना से क्या फायदा मिलेगा और किस तरह की समस्याओं का लोगों को सामना करना पड़ सकता है उसकी जानकारी हम आपको आगे वीडियो में देंगे ..लेकिन उससे पहले आपकों बता दें की रेवाड़ी जिले के 12 गांवों को स्वामित्व योजना के तहत लाभ दिया गया है. और बाकी गाँव के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा काम किया जा रहा है . जिसके बाद गांवों का डाटा केन्द्रीय सर्वे टीम को दिया जायेगा .

 

सबसे पहले सवाल ये की आखिर क्या है स्वामित्व योजना !

उसका जवाब है कि स्वामित्व योजना एक ऐसी योजना है जिसके तहत सभी गाँव के लाल डोरे के अंदर की जमीन की ड्रोन से मैम्पिंग की जायेगी .. जिसके बाद गाँव का सारा डाटा ऑनलाइन हो जाएगा. जिस प्लाट , दुकान या मकान का जो मालिक है उसे उस जगह का मालिकाना हक दिया जाएगा . यानी एक प्रोपर्टी डीड ग्रामीणों को दी जायेगी . अभीतक जो लोग लाल डोरे के अंदर रह रहे है . उनके पास खुद की जमीन के कोई दस्तावेज नहीं है . जिससे कि वो कोई लाभ ले पाये .

 

दूसरा सवाल ये की इस योजना का क्या फायदा होगा !

तो उसका जवाब ये है कि शहर में रहने वाले लोग जिस तरह प्रोपर्टी के आधार पर जो लाभ ले पाते है वो गाँव के लोग भी ले पायेंगे …यानी गाँव में भी प्रोपर्टी डीड मिलने के बाद उसके आधार पर मकान , दूकान बनाने के लिए लोन लिया जा सकता है . और अपनी जमीन को बेच –खरीद सकता है .  यानी अगर गाँव में आपको किसी का मकान-प्लाट  खरदीना है तो आप स्वामित्व योजना के तहत मिलने वाली प्रोपर्टी डीड को दिखाकर लोन लेकर मकान या प्लाट खरीद सकते है . और सरकार का दावा है कि जब बैंकों से ग्रामीणों लोगों को इस तरह सहायता मिलेगी तो आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा . वहीँ दूसरी और ये भी कहा जा रहा है की ग्रामीण क्षेत्र में जमीनी झगड़े , अवैध कब्जे की शिकायतें काफी मिलती है . जिसमें कई बार लोगों की जान भी चली जाती है . ऐसे में इस योजना से जमीनी विवाद के मामले खत्म हो जायेंगे .  और अवैध रूप से कब्जे भी नहीं होंगे .

 

कुल मिलाकर ये योजना अगर सही तरीके से सिरे चढ़ जाती है तो गांवों की तक़दीर और तस्वीर बदलने वाली है . लेकिन सवाल ये की जमीन का मालिकाना हक़ किस आधार पर दिया जा जायेगा .  अधिकांश गाँव में जमीन पर लोगों ने कब्ज़ा किया हुआ है . या लोगों का पहले से विवाद चल रहा है. हालाँकि प्रोपर्टी डीड के वितरण से पहले जिला प्रशासन से आपत्ति सुनने के लिए समय दिया जाता है . ताकि आपत्तियों को सुनकर सुधार किया जा सकें .

 

आज राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कोशल ने प्रदेश के सभी जिलों के जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बैठक की और योजना के तहत कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिये .. रेवाड़ी डीसी यशेंद्र सिंह ने कहा की उनकी कोशिश है की इस वर्ष में वो सभी गाँव का सर्वे पूरा करा लें .