रेवाड़ी में पहली बार तितलियों पर विशेष सर्वेक्षण हुआ। अरावली पहाड़ी के साथ लगते 10 गांवों की रेवाड़ी से करीब 20 किलो मीटर की दूरी पर खोल क्षेत्र की अरावली पहाड़ियां शुरू हो जाती हैं। इनमें पालड़ा, अहरोद, बासदूदा, खोल, मनेठी, भालकी, माजरा, नांधा, बलवाड़ी व खालेटा गांव अरावली पहाड़ी से सटे हुए हैं। इन्हीं गांवों में देशभर से आए एक्सपर्ट ने तितलियों पर विशेष सर्वेक्षण किया है। 1 हजार हेक्टेयर भूमि पर देशभर के एक्सपर्ट ने विशेष सर्वेक्षण करते हुए तितलियों की 60 प्रजातियों की पहचान की है। इससे साफ है कि अरावली पहाड़ी का यह क्षेत्र जैव विविधता के लिए उपयुक्त है।
इस सर्वेक्षण में दिल्ली ,मुंबई,फरीदाबाद सहित देशभर के 60 एक्सपर्ट इस सर्वेक्षण में शामिल हुए । जिला वन्य अधिकारी सुंदर सांभरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरणीय अध्ययन के लिए यह सर्वेक्षण महत्वपूर्ण है। हरियाणा में इस तरह का सर्वेक्षण पहली बार हुआ है।
वन अधिकारी के अनुसार, तितलियों को हमारे इको सिस्टम का बायो इंडिकेटर माना जाता है। तितलियों की उपस्थिति एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत है। यह समृद्ध और विधिक जीवन रूपों की उपस्थिति का भी प्रतीक है। इस सर्वेक्षण में गुरुग्राम के मुख्य वन संरक्षक एमएस मलिक की विशेष भूमिका रही।