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साइबर फ्रॉड पर त्वरित कार्रवाई के लिए इस टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल

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सरकार ने साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए रेडियो अभियान भी चलाए हैं और जनता को 100 करोड़ से अधिक एसएमएस भेजे गए हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न प्लेटफार्मों पर शुरू किए गए विभिन्न वीडियो/जीआईएफ के माध्यम से साइबर अपराध की रोकथाम और साइबर सिक्योरिटी टिप्स को लेकर समय-समय पर प्रचार किया है।

‘साइबर सुरक्षा पर किशोरों/छात्रों के लिए हैंडबुक’ प्रकाशित की गई हैं। निवारक उपाय के रूप में आई4सी द्वारा राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों, मंत्रालयों/विभागों के साथ 148 साइबर अपराध परामर्श साझा किए गए हैं। इंटरनेट सुरक्षा, ईमेल, मोबाइल सुरक्षा आदि के संबंध में बुनियादी साइबर स्वच्छता प्रदान करने के लिए जनवरी 2022 में “साइबर स्पेस के लिए साइबर स्वच्छता– क्या करें और क्या ना करें” (मूल और उन्नत संस्करण) पर दो द्विभाषी मैनुअल जारी की गई हैं।

साइबर स्पेस के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है। गृह मंत्रालय ने समन्वित और व्यापक तरीके से साइबर अपराध से निपटने के लिए एक प्रभावी तंत्र प्रदान करने के उद्देश्य से “भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी)” योजना लागू की है।  इसके तहत सभी प्रकार के साइबर अपराधों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए “नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल” www.cybercrime.gov.in शुरू किया हुआ है। पोर्टल में रिपोर्ट की गई घटनाओं को संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को स्वचालित रूप से ऑनलाइन अग्रेषित कर दिया जाता है। अब तक 7.6 करोड़ से अधिक लोग पोर्टल पर आ चुके हैं और 8.5 लाख से अधिक साइबर अपराध की घटनाएं और 16,573 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

गृह मंत्रालय ने निरंतर बढ़ती ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की त्वरित रिपोर्टिंग के लिए “नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी ऑनलाइन रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली(CFCFRMS)” संचालित की है और सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों एवं बैंक/इंटरमीडियरी को इससे जोड़ा है। अभी तक 51 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को अपराधियों से बचाया जा चुका है। इस व्यवस्था में शिकायत दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर ‘1930’ शुरू किया हुआ है।

इसके अतिरिक्त वेब पोर्टल साइबर माध्यमों द्वारा की गई किसी भी वित्तीय धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए सीधे हेल्पलाइन नंबर-1930 पर कॉल करने का विकल्प भी देता है। इस पोर्टल का प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति स्टेट साइबर क्राइम थानों में दर्ज फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट (एफआईआर) को भी डाउनलोड कर सकता है। उपभोक्ता इस वेब पोर्टल द्वारा भारत सरकार के ट्विटर हैंडल @cyberdost साइबर दोस्त से भी संपर्क कर सकते हैं, जो साइबर अपराधों के बारे में जानकारी अपडेट्स और अलर्ट प्रदान करता है। इस पोर्टल में साइबर सेफ नामक एक विशेषता भी है, जिसका प्रयोग कर उपभोक्ता वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए किसी भी किस्म का लेन–देन करने से पहले यूपीआई या खाता नंबर की पुष्टि कर सकते हैं। यह पोर्टल भारत सरकार की महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर क्राइम की रोकथाम सीसीपीडब्ल्यूसी योजना से भी जुड़ा हुआ है, जो महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले साइबर अपराधों से निपटने में मदद करता है।

डिजिटल भारत के उद्देश्य में साइबर क्राइम एक बडी बाधा बनकर सामने आया है। जिससे निपटने के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

वेबसाइटः- www.cybercrime.gov.in  

 

हेल्पलाइन नंबरः- 1930

 

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