आपके वाहनों के चालान कटने के बारे में तो पढ़ा ही होगा लेकिन आज हम आपको ऊंट का चालान कटने के बारे में बताने वाले है । दरअसल ऊंट का चालान चंडीगढ़ में चण्डीगढ़ पुलिस ने काटा है। चण्डीगढ़ शहर में पहली बार सुखना लेक पर बिना लाइसेंस ऊंट की सवारी करवा रहे ऊंटों का चालान काट दिया गया है। अब यह चालान कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट ही चालान की राशि तय करेगा। शहर में सुखना लेक रोज गार्डन और रॉक गार्डन आदि पर्यटक स्थलों के बाहर ऊंट मालिक लोगों को कई सालों से ऊंट की सवारी करवाते आ रहे थे। लेकिन अब यहां ऊंट की सवारी नहीं होगी।
चंडीगढ़ की लाइफ लाइन कहे जाने वाली सुखना लेक पर यहां आने वाले पर्यटक ऊंटों की सवारी का मजा लेते हैं । ऊंट की सवारी के एक व्यक्ति से ₹50 लिए जाते थे ये ऊंट कभी सुखना लेक तो कभी रॉक गार्डन के बाहर खड़े होते थे । लेकिन अब इन पर कार्यवाही के बाद इन दोनों जगहों पर खड़े होने के लिए ऊंटों पर पाबंदी लगा दी है।
दरअसल इनके पास किसी प्रकार का कोई रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस नहीं था। इस वजह से पहली बार एसपी सीए द्वारा ऊंटों का पीसीए अधिनियम 1960 के तहत चालान काटा गया है और आगे भी ऊंटों को यहां न लाने की सख्त हिदायत दी गई है। ध्यान रहे कि शहर में ट्रैफिक नियमों में लापरवाही बरतने पर पुलिस द्वारा सख्ती से चालान काटे जाते हैं ।लेकिन शहर में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी जानवर का चालान काटा गया हो।
वहीं Inspector Dharmendra Dogra के मुताबिक ऊंट परफार्मिंग जानवरों में आते हैं।इसलिए इन्हें रखने के लिए संबंधित विभाग के पास ऊंटों का रजिस्ट्रेशन करवाया जाना जरूरी है। लेकिन इन ऊंट मालिकों के पास ऊंट की सवारी का कोई लाइसेंस नहीं था और ना ही इन्होंने अपने ऊंटों का रजिस्ट्रेशन संबंधित विभाग के पास करवाया था। इतना ही नहीं ऊंट मालिकों द्वारा राजस्थान ऊंट उल्लंघन एक्ट 2015 धारा 5 व उपधारा 2 कि अनदेखी और जानवरों के साथ क्रूरता नियम 1973 धारा 6 का उल्लंघन किया है। क्योंकि शहर का वातावरण ऊंटो के अनुकूल नहीं है