मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी शहर में बावल रोड पर वर्ष 2011 में रेवाड़ी ऑफ कर्मभूमि रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कार्यालय खुला था। इसमें रेवाड़ी के गांव खोरी निवासी सुरेन्द्र कुमार बतौर ब्रांच मैनेजर और गुमीना निवासी निर्मल कुमार, अलीगढ़ के सुरेन्द्र नगर निवासी देवेन्द्रपाल, मथुरा निवासी मनोज कुमार, अलवर निवासी विजय कुमार, मामडपुर निवासी पूर्व प्रकाश, मथुरा निवासी राजेश्वरी सैंगर, गुमीना निवासी रजनी सिंह विभिन्न पदों पर कार्यरत थे।
ऑफिस खोलने के साथ ही खूब प्रचार-प्रसार किया गया कि उनकी कंपनी मल्टीपल इन्सटॉलमेंट स्कीम के जरिए पैसा इन्वेस्ट करने पर न केवल महंगी कीमत के प्लॉट मुहैया कराएगी, बल्कि लोगों के पैसे कुछ साल में दोगुने करके लौटाए जाएंगे। इसी लालच में रेवाड़ी व आसपास के गांवों के लोग कंपनी के झांसे में आ गए। पीड़ित बिमला यादव, शकुंतला यादव, बिरेन्द्र सिंह, इन्द्रमल अग्रवाल, सुनीता यादव, ललिता, हेमलता, मुन्नी, मुकेश देवी व नरेश सोनी सहित दर्जनों लोगों ने कंपनी में खुद और अपने रिश्तेदारों के करोड़ों रुपए इन्वेस्ट कर दिए।
बॉन्ड भी लिए गए वापिस
पैसे इन्वेस्ट करने वालों की सूची में अभी 65 लोगों के नाम सामने आए हैं। इन लोगों को कंपनी की तरफ से पैसे जमा कराने पर बॉन्ड भी भरकर दिए गए, लेकिन 2 साल का समय पूरा होने के बाद न तो उन्हें प्लॉट मिला और न ही पैसा वापस मिला। करोड़ों रुपए लौटाने का दबाव बनाने पर कंपनी ने ऑफिस बंद कर दिया। उसके बाद कंपनी पदाधिकारियों से लोगों ने अपने पैसे वापस मांगे तो उनसे भरे हुए बॉन्ड वापस मंगवा लिए गए और फिर बॉन्ड और कागजात अपने कब्जे में लेने के बाद आरोपी फरार हो गए।
धोखाधड़ी का केस दर्ज
काफी दिनों तक धक्के खाने के बाद भी जब इन्वेस्ट करने वाले लोगों के पैसे नहीं मिले तो शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि 65 से ज्यादा लोगों के करोड़ों रुपए कंपनी ने हड़पे हैं। पुलिस कंपनी के मेन ऑफिस मथुरा तक पहुंच गई। मथुरा पहुंचने के बाद पता चला कि वर्ष 2016 में यहां से कंपनी के अधिकारी ऑफिस बंद कर भाग चुके हैं। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।