रोहतक से सांसद अरविंद शर्मा ने कहा कि कश्मीर पंडितों के मामले को लेकर अलग-अलग माध्यम से सामने आ रहे तथ्यों की जांच के लिए उच्च स्तरीय आयोग गठित किया जाए और जांच भी सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग न्यायाधीश के कराई जाए, जिससे देश के सामने पूरे मामले का पर्दापाश हो सकें। बुधवार को लोकसभा में बोलते हुए सांसद अरविंद शर्मा ने कहा कि कश्मीर में अलगाव वादी ताकतों द्वारा देश को तोड़ने के लिए किए गए षड्यंत्रों की तथ्यात्मक आधिकारिक जांच कराई जाएं और जो भी दोषी मिले उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएं और निर्दाेषों को न्याय दिलाने में कारगर साबित हो सके।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में पंडितों, दलितों , गुर्जरों सहित हिन्दुत्व को कुचलने का प्रयास किया गया है। देश की अखंडता के लिए कश्मीर में धारा 370 को हटाने जैसा महत्वपूर्ण फैसला भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा ही लिया गया है। इसके लिए अन्य दलों की सरकारों ने कभी कोशिश तक नही की। सांसद ने कहा कि अन्याय किसी भी जाति और धर्म के साथ हो रहा हो उसके कारणों को जानकर उसका न्यायसंगत निवारण करना चाहिए।
सांसद ने कहा कि किसी को भी हक नही है, की वह हमारे महान भारत देश की अखंडता और संप्रुभता को तोड़ने की कोशिश करे। सांसद ने सरकार से आग्रह कि एक उच्च स्तरीय जांच आयोग का गठन करके सभी तथ्यों की न्यायिक जांच कराई जाए। सांसद ने द कश्मीर फाइल्स फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर से हिंदुओं का पलायन एक दुखद विभीषिका रही है।
मामले की सच्चाई को धीरे धीरे इस फिल्म के माध्यम से जानने और समझने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे में मेरा अपना मत यह है कि यह तमाम तथ्य सिर्फ फिल्म देखने और दिखाने तक सीमित ना रह जाए बल्के उस समय कश्मीर में अलगाव वादी ताकतों द्वारा देश को तोड़ने के लिए किए गए षड्यंत्रों की तथ्यात्मक आधिकारिक जांच करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच आयोग का गठन किया जाए, जो दोषियों को सजा एवं निर्दाेषों को न्याय दिलाने में कारगर साबित हो सके।