रूस और यूक्रेन के बीच कई दिनों से तनाव का माहोल बना हुआ था.जिसका असर कल देखने को मिला.रूस ने युक्रेन पर कल हमला कर दिया था जो अब भी जारी है.इन दोनो देशों के बीच युद्ध का असर कई देशो पर देखने को मिला है. इस युद्ध के कारण भारत की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है. जिसके कारण देश में कई चीजों के दाम में बढ़ोतरी होने के आसार है.जिससे आम लोगों की जेब पर काफी असर देखने को मिलेगा.आइये जानते है किन वस्तुओं का बढ़ेगा दाम…
ईंधन के दामों में भारी इजाफा
कच्चे तेल या गैस के लिए रूस दुनिया में प्रमुख निर्यातक है। वहीं, अगर पश्चिमी देशों द्वारा रूस के निर्यात पर बड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया गया तो ऐसे में ईंधनों के दाम में काफी तेजी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि रूस के निर्यात में ईंधन आधारित चीजों का 50 प्रतिशत तक भागीदारी है। वहीं, यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के आंकड़ों की मानें तो वैश्विक स्तर पर रूस द्वारा न्यूनतम 10वां भाग तैयार किया जाता है।
खाद्य सामग्री की कीमतों में बढ़ोतरी
बता दें कि दुनिया का सबसे महत्तवपूर्ण गेहूं उत्पादकों में से एक देश रूस है। जबकि, यूक्रेन का नाम चौथे स्थान पर मौजूद है जो गेहूं का सबसे ज्यादा निर्यात करता है। दुनियाभर में ये दोनों देश से गेहूं का चौथाई हिस्सा निर्यात होता है। ऐसे में न सिर्फ ईंधनों की कीमत में बढ़ोतरी देखी जाएगी बल्कि कई अन्य चीजों पर भी रूस-यूक्रेन संकट का असर देखने को मिलेगा। साथ खानपान की चीजों में भी बढ़ोतरी हो जाएगी।
तेल कीमतों में बढ़ोतरी
रूस-यूक्रेन संकट के कारण जब कच्चे तेलों के दाम बढ़ेंगे तो एलपीजी और कोरोसिन की सब्सिडी भी बढ़ने की संभावना है। साल 2021 से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ते नजर आ रहे हैं। वहीं, अब रूस-यूक्रेन संकट से भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम और ज्यादा बढ़ सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि भारत में करीब 25 फीसदी ही कुल आयात होता है। हालांकि, भारत अपनी जरूरत का 80% से अधिक आयात करता है।
क़ीमती पत्थर और धातु की कीमतों में बढ़ोतरी
इसके अलावा भारत, रूस से मोती, क़ीमती पत्थर, धातु भी आयात करता है. इनमें से कुछ का इस्तेमाल फ़ोन और कंप्यूटर बनाने में भी होता है.