रेवाड़ी शहर के बाल भवन परिसर-गीतापुरम में आजादी अमृत महोत्सव व गीता थीम के साथ रविवार को गरिमामयी ढंग से जिलास्तरीय गीता जयंती महोत्सव का आगाज हुआ। सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग व जिला प्रशासन रेवाड़ी की संयुक्त भागीदारी के साथ आयोजित गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ हरियाणा सरकार में सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने किया।
डा. बनवारी लाल ने विधिवत रूप से गीतापुरम में रिबन काटकर प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए अवलोकन किया। सीईओ जिला परिषद जयदीप कुमार व एसडीएम रेवाड़ी रविन्द्र यादव ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल व अन्य गणमान्य लोगों ने यज्ञ में पूर्णाहुती डाली और सांस्कृतिक मंच से गीता पूजन करते हुए दीप प्रज्ज्वलन से महोत्सव के पहले दिन सांस्कृतिक मंच का शुभारम्भ किया।
मुख्यातिथि सहकारिता मंत्री ने आजादी अमृत महोत्सव के मद्देनजर देश पर कुर्बान हुए अमर शहीदों की वीरांगनाओं व वीर सपूतों का सम्मान कर उन्हें सलाम किया। डीसी यशेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में एडीसी आशिमा सांगवान की देखरेख में तीन दिवसीय जिलास्तरीय गीता महोत्सव सार्थक संदेश के साथ शुरू हुआ है और तीन दिन नई सकारात्मक सोच के साथ जन जागरूकता महोत्सव में नजर आएगी।
जीवन में सफलता की राह दिखाती है गीता : डा. बनवारी लाल
महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर रेवाड़ी जिलावासियों को दिए संदेश में डा. बनवारी लाल ने कहा कि इस पावन अवसर पर वे सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की इस पावन धरा पर यह आयोजन हमारी युवा शक्ति को सतमार्ग पर चलने का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता हमें जीवन में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहने की नई प्रेरणा देता है। व्यक्ति के जीवन में अंधकार या कठिनाई होती है तो गीता हमें राह दिखाती है। गीता के छोटे से सार को पढऩे के बाद हमारे जीवन के हर संशय को दूर किया जा सकता है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह कहने में वे कतई गुरेज नहीं करते कि संपूर्ण मानवता का ग्रंथ गीता में ही समाहित है। गीता हमारे जीवन की पाठशाला है। हम इसे पढक़र अपने जीवन की सही राह पर आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत भगवान श्री कृष्ण की धरती है जो कर्म करने की राह दिखाती है। यहां से भगवान बुद्ध ने विश्वभर को करूणा, कृपा, दया व प्रेम के भाव को दिखाया, तभी भारत विश्वगुरू कहलाता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार आधारभूत ढांचागत विकास के साथ ही संस्कारों का समावेश हर वर्ग में कराने के लिए अपना दायित्व प्रभावी रूप से निभा रही है।
आजादी के आंदोलन में रहा गीता का अहम योगदान : सहकारिता मंत्री
सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि आजादी के आंदोलन में श्रीमद्भगवद्गीता का योगदान अहम रहा है। आजादी के आंदोलन में शामिल शहीदों ने गीता से कर्म करने और लडऩे की प्रेरणा ली। आज भी हजारों वर्षों पुराना गीता का ज्ञान हमारे जीवन में प्रासंगिक है। हर व्यक्ति गीता पढऩे के बाद कर्म योग की तरफ बढ़ता है। कर्म के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करना यही गीता का ज्ञान है। यह हमें नैतिकता के मार्ग पर लेकर जाती है। उन्होंने कहा कि हम महान स्वतंत्रता सेनानी राव तुलाराम जैसे वीर योद्धाओं के योगदान को कभी भूला नहीं सकते।
गीता सार हर युग में प्रासंगिक : प्रशासनिक अधिकारी
जिला प्रशासन की ओर से सीईओ जिला परिषद जयदीप कुमार व एसडीएम रविंद्र कुमार ने गीता जयंती महोत्सव के प्रथम दिन पहुंचे गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि हमें चुनौतीपूर्ण और संघर्षपूर्ण जीवन जीना है तो पवित्र ग्रंथ गीता अवश्य पढऩी चाहिए। उन्होंने बताया कि महाभारत में भी जब अर्जुन संशय में थे तो भगवान श्रीकृष्ण ने गीता का संदेश दिया था। 5 हजार वर्ष बाद भी गीता का सार प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को कर्म करना चाहिए। यदि व्यक्ति कर्म को कर्तव्य मानकर चलेगा तो लक्ष्य की प्राप्ति होगी।
यह रहे मौजूद :
इस अवसर पर डीआईपीआरओ दिनेश कुमार, एआईपीआरओ सुरेश गुप्ता, एआईपीआरओ कोसली डा. अश्विनी शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कपिल पुनिया, डीडीपीओ एचपी बंसल, डा. विजय प्रकाश, जिला बाल कल्याण अधिकारी वीरेन्द्र यादव, तहसीलदार प्रदीप देशवाल, सचिव रैडक्रास सोसायटी बिजेन्द्र सहरोत, सतीश मस्तान, दलीप शास्त्री, उषा आर्य, बलजीत यादव, विवेक धीगंडा, प्रवक्ता डॉ. ज्योत्सना यादव, मंच संचालक प्रख्यात आर्टिस्ट प्रदीप जैलपुरिया सहित जिला के अन्य विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।