मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीआरडीए रविन्द्र यादव ने डीसी यशेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में जल संरक्षण के लिए चलाए जा रहे जल शक्ति अभियान के तहत शुक्रवार को संबंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक ली तथा उन्हें जल संरक्षण की दिशा में कारगर व प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। सीईओ रविन्द्र यादव आमजन से जल संरक्षण का आह्वान करते हुए कहा कि यदि आज जल संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हमें भविष्य में विकट स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। हमें पानी की एक-एक बूंद को बचाने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए बहुत सी तकनीक हैं उनका प्रयोग किया जाए।
डीआरडीए रविन्द्र यादव ने कहा कि जल संरक्षण अति आवश्यक है। वाटर हार्वेस्टिग का उपयोग नहीं होने की वजह से हर साल बारिश का पानी व्यर्थ चला जाता है। भू-जल रिचार्ज नहीं हो पाता। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को बारिश के पानी को सहेजने के लिए काम करना होगा और इसे जन आंदोलन बनाना होगा। वाटर हार्वेस्टिग से संचित हुए पानी का प्रयोग सिंचाई, बागवानी, साफ-सफाई आदि के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति अभियान का लक्ष्य देश में वर्षा जल संरक्षण के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम और विशेष कार्य योजनाएं तैयार करना है। उन्होंने कहा कि कैच द रेन कैंपेन का अर्थ है, जहां भी गिरे और जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकठ्ठा करें।
इस अवसर पर केन्द्रीय भू-जल बोर्ड चंडीगढ़ के भू-जल वैज्ञानिक साकिब ने प्रोजेक्टर व थ्री डी डायग्राम के माध्यम से जिला की भूमि की स्थिति बारे खंड अनुसार रिपोर्ट प्रस्तुत की।