रेलवे की कनेक्टिविटी में रेवाड़ी जंक्शन पहले से टॉप शहरों की सूचि में है. रेलवे की कमर्शियल कनेक्टिविटी में भी रेवाड़ी की कुछ समय में नई पहचान बनी है और अब रेवाड़ी से निकलने वाली करीबन सभी सड़क फोरलेन होने से आने वाले दिनों में रेवाड़ी की तस्वीर कैसी होगी ये परिकल्पना करके आप जरुर समझ सकते है.
रेवाड़ी वाया पटौदी- गुरुग्राम रोड़ को फोरेलेन करने का काम शुरू किया जा चूका है. बावल रोड़ को भी फोरलेन करने का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है. इसी तरह से रेवाड़ी से शाहांजाहपूर रोड़ को भी फोरलेन करने की सभी ओपचारिकता पूरी की जा चुकी है. फिलहाल भाड़ावास फाटक पर ओवरब्रिज बनाने काम किया जा रहा है. रेवाड़ी से वाया कनीना- महेंद्रगढ़ रोड़ को भी केंद्र सरकार की भारतमाला-2 योजना के तहत फॉरलेन किया जाना है.
इसके आलावा रेवाड़ी नारनौल रोड़ को एनएचएआई सिक्स लेन किया जा चूका है. इसी हाइवे में रेवाड़ी के बाईपास का कुछ हिस्सा भी शामिल है. जिसका काम भी करीबन आधा पूरा हो चूका है. आपको बता दें कि रेवाड़ी ऐतिहासिक नगरी है. जो शहर के साढ़े 4 किलोमीटर के सरकुलर के अंदर बसी हुई थी. लेकिन वक्त के साथ-साथ शहर बड़ा होता चला गया. लेकिन आजतक शहर को पूरा बाईपास आजतक नहीं मिला. बावल रोड़ से झज्जर रोड तक का तो बाईपास पिछले वर्षों में बना दिया गया. लेकिन झज्जर रोड से नारनौल रोड और नारनौल रोड से बावल रोड तक के बाई पास का निर्माण आजतक पूरा नहीं हुआ है. हालांकि अब उम्मीद है कि जल्द रेवाड़ी को पूरा बाईपास मिल जायेगा.
झज्जर रोड से नारनौल रोड के बीच के बाईपास का निर्माण पीडब्ल्यूडी कर रहा है. जो काम करीबन पूरा हो चूका है. इसी तरफ से नारनौल रोड से एनएच-71 हाइवे से जोड़ने वाले बाईपास का निर्माण एनएचएआई कर रहा है. इसके आलावा दिल्ली – गुरुग्राम रेवाड़ी और बहरोड़ रैपिड मेट्रो लाइन का काम भी शुरू हो चूका है. दिल्ली –जयपुर हाइवे के साथ-साथ बनने वाले रैपिड मेट्रो के ट्रेक के लिए मट्टी –पानी की जाँच की जा चुकी है.
इन सभी परियोजनाओं का काम पूरा होने के बाद रेवाड़ी की तस्वीर कैसी होने वाली है ये आप समझ सकते है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या तय समय में इन परियोजनाओं का अमलीजामा पहनाया जाता है या नहीं !