( Rewari )रेवाड़ी में आवारा पशुओं (Stop The cattle ) के आतंक से खौफ के साए में जीने को मजबूर स्थानीय निवासियों ने आज शहर में कैंडल मार्च निकालकर रोष जाहिर किया और मांग की गई की चार दिन पहले जिस संजय शर्मा की आवारा पशुओं के कारण मौत हुई है उसके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए और मृतक के बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए . विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा की नगर परिषद् (MC Rewari )की लापरवाही और अनदेखी के चलते बड़ी संख्या में आवारा पशुओं शहर में मौजूद है .जिनके कारन हमेशा जान का खतरा बना रहता है.
आपको बता दें की चार दिन पहले शहर के ठठेरा चौक पर एक फोटोग्राफर की आवारा पशुओं ने जान ले ली थी. इसके आलावा भी एक हफ्ते में ऐसी और घटनाएँ सामने आ चुकी है जिसमें आवारा पशुओं की वजह से लोग चोटिल हुए है . लेकिन इतना सब होने के बावजूद अभी भी शहर की सड़क , गली –मौहल्लो में बड़ी संख्या में आवारा पशु मौत बनकर घूम रहें है .. कहने को दो दो दिन पहले जिलाधीश ( DC) यशेंद्र सिंह ने पशुओं को लेकर धारा 144 लागू कर आदेश दिए है की कोई अगर अपने पशुओं को सड़क पर छोड़ेगा (Stop The cattle ) तो उसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाही की जायेगी . लेकिन अभी तक धरातल पर धारा 144 का कोई असर नजर नहीं आया है .
शहर में आवारा पशुओं की समस्या आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से बनी हुई है . सुनील भार्गव नाम के अधिवक्ता ने नगर परिषद् को आवरा पशुओं के मामले में कोर्ट में घसीटा लेकिन नगर परिषद् की चमड़ी इतनी मोटी है की उसपर कोई असर नहीं पड़ा. लेकिन अब आवारा पशुओं की समस्या नासूर बनने के बाद स्थानीय निवासी एक बार फिर लामबंध हो गए है .जिन्होंने कहा है की अगर जिला प्रशासन आवारा पशुओं पर अब भी लगाम नहीं लगाता है तो वो रेवाड़ी बंद कर आन्दोलन करेंगे .
जिलाधीश यशेंद्र सिंह ने गाय और गौवंश को सड़क से हटाकर गौशाला में पहुँचाने के लिए आज भी बैठक की और नगर परिषद् को फटकार लगाते हुए जल्द स्थाई समाधान करने के निर्देश दिए . जिलाधीश ने कहा की केवल कुर्सी पर बैठने से काम नहीं चलेगा .जनता की सेवा और समस्याओं को दूर करने के लिए काम करें . ऐसे में देखना होगा की धारा 144 और डीसी के आदेशों का कितना पालन होता है .