डा. अग्रवाल ने बताया कि आज सूचना प्रौद्योगिकी युग में पाठकों का रुझान पुस्ताकालयों में रखी किताबों की ओर कम होता जा रहा है। हर कोई मोबाइल या लैपटॉप पर ही पढने में रूचि ले रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि सार्वजनिक पुस्ताकालयों में रखी किताबें हमारे ज्ञान की धरोहर हैं। जब भी समय मिले हर किसी को किताबों का अध्ययन करना चाहिए।
इसी कड़ी में सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग को मुख्यमंत्री ने अम्बाला, करनाल व गुरुग्राम की जिला लाईब्रेरी को मॉडर्न बनाने की जिम्मेवारी सौंपी है। इन लाइब्रेरियों में नया फर्नीचर आदि लगाकर मॉडर्न बनाया जाएगा ताकि पठन-पाठन में लोग रूचि लें। इसके अलावा विभाग प्रदेश के सभी जिलों की पब्लिक लाईब्रेरियों का रखरखाव भी करेगा। पहले यह कार्य उच्चतर शिक्षा विभाग के अधीन था।
डा. अग्रवाल ने कहा कि इन माडर्न पुस्तकालयों में रखी किताबों की सूची ऑनलाईन की जाएंगी और पाठक अपनी रुचि के अनुसार किताबों का चयन कर सकें। इसके अलावा इन लाईब्रेरियों में डिजिटल माध्यम से भी पुस्तकें पढने की सुविधा उपलब्ध होगी।