देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति डीजल वाहनों का उत्पादन अब हरियाणा में नही करेगी.यह निर्णय मारुती प्रबंधन ने इसलिए लिया है क्यूंकि अब ग्राहकों का रुझान पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के प्रति बढ़ रहा है इसलिए कंपनी ने यह निर्णय लिया है. मारुती प्रबंधन का मानना है कि आने वाले दिनों में देश में सीएनजी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन भी ग्राहकों की पसंद बनने वाले हैं. वैसे भी जिस तरह से डीजल के रेट में बढ़ोतरी देखी गई है. उससे भी ग्राहकों का रुझान डीजल वाहनों के प्रति कम हुआ है. इसलिए मारुति भी बाजार के हालातों को देखते हुए डीजल वाहनों को बंद करने का निर्णय लिया है.
डीजल सेगमेंट में वापसी से मना
मारुति की डीजल कारों का उत्पादन बंद होने की घोषणा के बाद काफी लोगों को निराशा भी होगी. मारुति कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उत्सर्जन मानदंडों के अगले चरण से डीजल वाहनों की लागत में बढ़ोतरी होगी. जिससे मार्केट में उनकी बिक्री पर और असर पड़ेगा. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मारुति सुजुकी इंडिया ने डीजल सेगमेंट में वापसी करने से मना कर दिया है. क्योंकि उनका मानना है कि वर्ष 2023 में उत्सर्जन मानदंडों के अगले चरण की शुरुआत के साथ ऐसे वाहनों की बिक्री में और कमी दर्ज की जाएगी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा सरकार ने मारुति कारों का उत्पादन बढ़ाने के लिए सोनीपत के खरखोदा में 900 एकड़ भूमि देने का निर्णय लिया है. इसमें से मारुति 800 एकड़ में कार तथा 100 एकड़ में बाइक का उत्पादन करेगी. मगर इस बीच डीजल कारों का उत्पादन ना करने का निर्णय भी सभी को चौंका भी रहा है. वैसे भी जिस तरह से डीजल के रेटों में बढ़ोतरी देखी गई है. उससे भी ग्राहकों का रुझान डीजल वाहनों के प्रति कम हुआ है.
कंपनी के प्रमुख तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने 1 न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि हम डीजल की कारों का निर्माण नहीं करेंगे. हमने पहले ही इस दिशा में संकेत दिए थे कि हम इसका अध्ययन करेंगे और यदि कस्टमर की डिमांड है तो हम वापसी कर सकते हैं. कंपनी के प्रमुख तकनीकी अधिकारी सी वी रमन ने आगे बताया कि वर्ष 2023 में होने वाले उत्सर्जन मानदंडों के अगले चरण की शुरुआत के बाद डीजल वाहनों की बिक्री में कमी आएगी.
लोगो की पेट्रोल कारों में ज्यादा रूचि
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कुल पैसेंजर वाहनों की बिक्री के 17% से कम है. यह वर्ष 2013-14 की तुलना में भारी कमी है. जो कुल बिक्री में डीजल कारों की हिस्सेदारी 60% थी. मारुति सुजुकी इंडिया ने सख्त BS-6 उत्सर्जन मानदंडों की शुरुआत के साथ अपने पोर्टफोलियो से डीजल मॉडल को बंद कर दिया था. 1 अप्रैल 2020 से BS-6 उत्सर्जन व्यवस्था की शुरुआत के साथ देश में पहले से ही कई वाहन निर्माताओं ने अपने संबंधित पोर्टफोलियो के डीजल ट्रिम्स को रद्द कर दिया है. कंपनी की संपूर्ण मॉडल श्रृंखला वर्तमान में BS-6 अनुपालित 1 लीटर ,1.2 लीटर और 1.5 लीटर गैसोलिन इंजन द्वारा संचालित है. यह अपने सात मॉडलों में CNG ट्रिम भी प्रदान करता है.