जानकारी के लिए बता दें कि साल 2013 में जारी एक विज्ञापन के तहत चार साल के एक्सपीरियंस के आधार पर नॉन एचटेट और नॉन बीएड नियुक्त प्राध्यापकों की नियुक्ति हुई थी. उस समय नियुक्ति में एक अप्रैल 2015 तक एचटेट व बीएड पास करने की शर्त रखी गई थी. हालांकि शिक्षक लगातार सरकार की इस शर्त का विरोध कर रहे थे.
ऐसे में निर्धारित अवधि में एचटेट और बीएड पास नहीं करने की स्थिति में करीब चार हजार शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा था, लेकिन अब मनोहर सरकार ने उनको इस शर्त से आजाद कर दिया है. हरियाणा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सोमवार को एक आदेश जारी कर अब इस शर्त को उनकी नियुक्ति की शर्त से हटा दिया है.
हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान सतपाल सिंधू ने कहा कि राज्य सरकार ने लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार कर सेवारत शिक्षकों को बड़ी परेशानी से छुटकारा दिला दिया है. उन्होंने बताया कि पिछले साल नवंबर में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर, अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह व निदेशक जे गणेशन के साथ एक बैठक हुई थी जिसमें इस शर्त को हटाने का आग्रह किया गया था. सरकार ने इस मांग को पूरा कर हजारों शिक्षकों को खुशी प्रदान की है.