लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिये सरकार की ओर से एक जिले में ही कई सीएचसी और पीएचसी खोले गए है. ताकि लोगों को अपने घर के नजदीक ही स्वास्थ्य सुविधा मिले सकें. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और स्टाफ मनमानी कर रहे है. मरीज सरकारी स्वास्थ्य केंद्र जाते है तो उन्हें कई बार डॉक्टर नहीं मिलते , कभी दवाइयाँ नहीं मिलती…और कई बार तो स्वास्थ्य केंद्र ही बंद करके स्टाफ चला जाता है. ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे है. बल्कि जिला उपायुक्त और अधिकारियों के औचक निरिक्षण में ये सामने आया है.
डीसी यशेंद्र सिंह ने आज दोपहर गाँव गंगायचा अहीर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरिक्षण किया. जहाँ एक डॉक्टर और दो स्वास्थ्यकर्मी गैर हाजिर मिलें. डीसी ने यहाँ रिकॉर्ड की भी जाँच की और जाना की स्वास्थ्य केंद्र पर किसी तरह से लोगों का इलाज किया जा रहा है. इसके आलावा एडीसी जयदीप कुमार ने रतनथल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सीटीएम देवेन्द्र शर्मा ने जाटूसाना प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दोपहर बाद 3 से 4 बजे के बीच औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उक्त दोनों पीएचसी पर ताला अटका मिला।
वहीँ जिला नगर आयुक्त भारत भूषण गोंगिया ने सीएचसी गुरावड़ा, एसडीएम रेवाड़ी सिद्धार्थ दहिया ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भाड़ावास, एसडीएम बावल संजीव कुमार ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बावल, डीडीपीओ एच.पी.बंसल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बासदूधा का औचक निरीक्षण किया है। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह भी जिला उपायुक्त यशेंद्र सिंह के निर्देश पर दर्जनभर अधिकारियों ने एक साथ जिले के अलग –अलग स्वास्थ्य केन्द्रों का औचक निरिक्षण किया था. जिस निरिक्षण के दौरान में कई डॉक्टर्स और स्टाफ गैर हाजिर पायें गए थे. जिस से आप समझ सकते है कि किस कदर सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखाकर मनमानी की जा रही है.
जिन स्वास्थ्य केन्दों पर डॉक्टर्स और स्टाफ होता भी है उस jaga जगह भी लोगों को कैसी स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है और कैसा मरीजों के साथ बर्ताव किया जा रहा है वो भी किसी से छिपा नहीं है. डीसी यशेंद्र सिंह ने कहा है कि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसलिए ही औचक निरीक्षण किये जा रहे है. जो भी सरकार कर्मचारी अपने कर्तव्य का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.