रेवाड़ी जिले के गाँव दखौरा का रहने वाले किसान अनिल कुमार ने अपनी 7 एकड़ जमीन पर जैविक खेती कर रहे है. आलू, टमाटर, बंद गोभी, शिमला मिर्च, लहसुन, टिंडे सहित अन्य सब्जियों लगाईं हुई है.
जिन सब्जियों को लेकर उन्होंने करनाल के घरौंडा में आयोजित तीन दिवसीय सब्जी एक्स्पो में प्रदर्शनी लगाईं थी. जिस प्रदर्शनी में प्रदेश भर के अलग –अलग किसानों ने हिस्सा लिया था. जहाँ रेवाड़ी के किसान अनिल की सब्जियों की सभी ने खूब सरहाना की. किसान अनिल बताते है कि करीबन 8 वर्ष पहले उन्होंने जैविक खेती शुरू की थी. पहले दो –तीन वर्षों तक उन्हें सब्जियों में काफी नुकसान हुआ था. क्योंकि सरसों गेंहू की फसल में हम फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते थे. जिससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कमजोर हो गई थी. लेकिन अब वो सात एकड़ जमीन में जैविक गेंहू, अमरुद , और सब्जियों का उत्पादन करते है. जिसके लिए वो जैविक खाद भी खुद ही तैयार करते है.
किसान अनिल कुमार ने जैविक खेती करने की ठानी तो सबसे पहले खुद का ही वर्मी कंपोस्ट प्लांट लगाया और जैविक खाद बनाने शुरू की। इसके अतिरिक्त फसलों को कीट आदि से बचाने के लिए जीवामृत भी वह अपने स्तर पर ही तैयार करते हैं। फसलों में लस्सी व गोमूत्र से बने कीटनाशक का ही छिड़काव किया जाता है। उन्होंने कहा कि सब्जियों के साथ-साथ उन्होंने गेंदे की खेती की हुई है साथ ही तम्बाकू की खेती की हुई है ताकि निमोटीड नाम की बीमारी से फसल को बचाया जा सकें.
जैविक सब्जियों की डिमांड इतनी है कि किसान के खेतों में ही सब्जी लेने के लिए ग्राहक पहुँच जाते है. किसान अनिल कुमार ने सरकार से मांग भी की है कि जैविक फल सब्जियों की जैसे जैसे डिमांड बढ़ रही है. वैसे वैसे मंडियों में भी जैविक फल सब्जियों के लिये अलग से जगह निर्धारित की जाएँ.