Sabi River Barrage: आपको बता दें कि रेवाड़ी जिला सूखे इलाके में गिना जाता है। जहां का भूमिगत पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। भूमिगत पानी को सुधारने के लिए यहाँ साबी नदी बैराज (Sabi River Barrage) कि सुखी जमीन पर दूषित पानी को ट्रीट करके छोडने के लिए करोड़ों रूपय खर्च किए गए। यहाँ जलस्तर तो ऊपर आ गया लेकिन दूषित पानी को बिना ट्रीट किए छोडने से प्रदूषण भी बड़े स्तर पर फैल गया।
एनजीटी कोर्ट के आदेश पर सैंपल हुये और पाए सभी सैंपल फेल
प्रदूषण को देखते हुये खरखड़ा निवासी प्रकाश यादव ने शासन – प्रशासन को शिकायत भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तो प्रकाश ने एनजीटी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया । जिसके बाद एनजीटी कोर्ट के आदेश पर सैंपल हुये और सभी सैंपल फेल पाये गए। लेकिन साथ ही संबधित विभागों ने कहा था कि उन्होने सुधार किया है।
इस मामले में अब 24 अप्रैल ओ एनजीटी कोर्ट में सुनवाई है। सुनवाई से पहले एडीसी रेवाड़ी , प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड हरियाणा के अधिकारी, जनस्वास्थ्य विभाग और एचएसवीपी के अधिकारियों ने पानी के सैंपल लिए है। धारुहेड़ा , खरखड़ा, रेवाड़ी शहर, कालूवास वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और साबी नदी बैराज (Sabi River Barrage) में भरे दूषित पानी के सैंपल लिए है।
रेवाड़ी जिले में दूषित पानी की बड़ी समस्या
रेवाड़ी जिले में दूषित पानी की बड़ी समस्या है। धारुहेड़ा के अंदर तो राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र से कैमिकल युक्त पानी आता है। जिसको लेकर एक दिन पहले ही केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस मामले में पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव ने कहा है कि 9 साल तक राव इंद्रजीत सिंह ने कुछ नहीं किया। अब अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए राव इंद्रजीत सिंह बैठक कर रहे है।