डीसी यशेन्द्र सिंह ने कहा है कि हरियाणा सरकार ने फसल विविधीकरण और खेती में किसानों की लागत को कम करने के उद्देश्य से देसी कपास की फसल बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। सरकार की इस नई योजना के अनुसार देसी कपास लगाने वाले किसाना को सत्यापन के बाद तीन हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान मिलेगा। योजना के लिए आगामी 31 मई तक आवेदन किया जा सकता है। कृषि में आ रही नई तकनीकों के साथ देसी तरीके से खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। साथ ही अपनी भूमि की उर्वरा शक्ति को भी मजबूत किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कृषि के माध्मय से किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। साथ ही अब कृषि क्षेत्र में आ रही नई नई तकनीकों का भी किसानों को फायदा मिल रहा है। जो काम पहले काफी समय में होता था। अब वही काम तकनीक के माध्यम से कुछ ही समय में किया जा सकता है। तकनीक के साथ देसी तरीका मिल जाए तो किसानों का मुनाफा ओर बढ़ सकता है। इसको लेकर सरकार की ओर से अहम कदम उठाए जा रहे हैं और इसी सोच को लेकर सरकार ने देसी कपास की खेती को लेकर अनुदान योजना शुरू की है।
डीसी ने बताया कि सरकार की ओर से शुरू की गई इस देसी कपास की नई योजना के अनुसार किसानों को 3 हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान मिल सकता है। योजना का लाभ लेने वाले किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी है। योजना के तहत किसान को उसके खेत के सत्यापन के बाद अनुदान राशि दी जाएगी। इस योजना से ना केवल फसल विविधता को बढ़ावा मिलेगा बल्कि फसल में कीटों से होने वाले नुकसान की भी कम संभावना होगी। साथ ही इससे भमि की उर्वरा शक्ति भी मजबूत होगी। इस योजना के लिए कृषि विभाग की वेबसाइट एग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडॉटआईएन को प्रयोग किया जा सकता है या फिर विभाग के ठोल फ्री नंबर 18001802117 पर संपर्क भी किया जा सकता है।