गौ सेवकों के मुताबिक़ जितनी मृत गायों को उन्होंने मट्टी दी है उन सभी गायों की मौत पेट सबंधित बिमारी के कारण हुई है. जिनका कहना है कि एक दिन पहले श्राद का अंतिम दिन था. लोगों ने धर्म कमाने के लिए बड़ी मात्रा में गायों को रोटी खिलाई थी. कच्ची – पक्की रोटी खिलाने से रोटियां गाय के गले और आंत में चिपक जाती है. जिसके कारण गायों को साँस लेने में दिक्कत होती है और कई बार गायों की मौत हो जाती है.
गौ सेवक अमन रेवाड़ी, अतुल, नवीन, पवन खोरी, रमन, कपिल, सचिन, अनिल, गोलू, विज्ञान, करण, रवि आदि ने बताया कि आज बड़ी संख्या में गायों की मरने की सुचना उन्हें प्राप्त हुई. कुतुबपुर, गोपाल देव चौक, कला सदन, हरिनगर, शास्त्री नगर, हजारीवास, गुलाबीबाग, देव नगर, यादव नगर, कंकरवाली, अजय नगर आदि कई स्थानों से गायों के मरने की सूचना मिली. जब मौके पर जाकर उन्होंने देखा तो मरने वाली सभी गाय या बछियां थी जिनके मुंह से झाग निकल रहे थे.
गौ सेवकों ने बताया कि जितनी बड़ी संख्या में गायों की मरने की सूचना उन्हें आज प्राप्त हुई है. उतनी आजतक कभी नहीं हुई. उन्होंने गायों को मट्टी देने के लिए दो मशीन किराए पर लेनी पड़ी ताकि सभी मृत गायों को समय रहते मट्टी दी जा सकें. इस मामले में पशु पालन विभाग के डॉक्टर्स क्या कहते है उनसे बातचीत करके भी जल्द आगे की जानकारी हम आपसे साँझा करेंगे.