Children study: टीचर सतपाल सिंह शिक्षा विभाग में बतौर टीजीटी विज्ञान अध्यापक भर्ती हुये थे। अभी उनकी पोस्टिंग रेवाड़ी जिले के बुडौली गाँव में है। जहां उन्होने अपने खर्च पर दीवारों पर साइंस के मॉडल बनाए हुये है। स्कूल में लगे प्रोजेक्टर के माध्यम से वो बच्चों को एक्टिविटी के जरिये पढ़ा रहे है। उनके इस तरीके को शिक्षा विभाग भी पसंद कर रहा है। जबकि उनके द्वारा लिखी गई छह किताबे हरियाणा के पाठ्यक्रम में शामिल की जा चुकी है।
तीसरी से छठी तक लिखी छह किताबे
वैसे तो सतपाल सिंह टीजीटी टीचर है लेकिन उन्होने कक्षा तीसरी की एक, चौथी की एक, पाँचवीं की एक और छठी कक्षा की दो किताबें लिखी है। उन्होने कहा कि पहले दैनिक जीवन में ऐसी काफी गतिविधियाँ होती जिससे काफी कुछ सीखने को मिलता था। लेकिन अब वो चीजें लुप्त होती जा रही है। उन्होने जंगली पौधो के सरकंडों ( झुंडों की तुलियां ) का उदाहरण देते हुये बताया कि पहले इनसे झाड़ू बनाई जाती थी, रस्सी और मूढ़ों को बनाया जाता था। लेकिन अब वो चीजें लुप्त होती जा रही है। इसलिए बच्चों को पढ़ाने (Children study) के लिए उन्होने उसका प्रैक्टिकल बनाकर बच्चों को समझाने की कोशिश की है और पाठयक्रम में भी ये चैप्टर जोड़ा गया है।
इन डेमो के जरिये बच्चों को पढ़ाया जा रहा है
पैरीस्कोप जिसे सैनिक बैंकर में इस्तेमाल करते है, माइक्रोस्कोप जिससे खून की जांच में इतेमाल किया जाता है, कृषि के औजारों के डेमो, सुचालक और कुचालक विधि को समझाया गया है। इसके अलावा शरीर के अंगों को बारीकी से चार्ट के माध्यम से समझाया गया है। टीचर सतपाल सिंह के दीक्षा एप पर भी एजुकेशनल वीडियो डाले गए है। उन्होने कहा कि वो बच्चों को ज्यादा से ज्यादा प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रेरित करते है। ताकि बच्चे को सीखने और समझने (Children study) में आसानी हो।
निपूर्ण हरियाणा कार्यक्रम से बच्चों को मिल रहा ज्ञान
बता दें कि बच्चे पढ़ने के साथ-साथ एक्टिविटी करके सीख और समझ सकें इसके लिए सरकारी की तरफ से निपूर्ण हरियाणा कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके मध्याम से बच्चों को अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेकर आगे बढ़ने के मौके दिये जा रहे है। गर्मियों की छुट्टियों में भी स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं की जा रही है। शहर के गर्ल्स स्कूल में भी मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिस कार्यक्रम में टीचर सतपाल सिंह और अन्य टीचर्स ने एग्जीबिशन लगाया हुआ था।