कभी लेटलतीफी का ठप्पा झेलने वाली भारतीय रेल अब पटरियों पर सरपट दौड़ रही है। रेल यात्रा के जरिए सफर को और सुहाना बनाने और कम समय में गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस के नए वर्जन का सफल ट्रायल किया गया। इस ट्रायल के बाद भारतीय रेलवे ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस ने ट्रायल रन में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। वंदे भारत ट्रायल रन में 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी है। 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के बावजूद मेज पर रखे ग्लास का पानी तक नहीं छलका। आइए जानते हैं ट्रेन की क्या है खासियत और वंदे भारत अभी कहां-कहां चलती है।
मेक इन इंडिया वंदे भारत
समय और गति के मामले में अब भारतीय रेल नये मानदंड स्थापित कर रही है। रेलवे के कायाकल्प में सरकार की तीव्र और प्रगतिशील नजर आ रही है। जैसा कि केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में नये-नये योग-प्रयोग जारी हैं। ऐसे में रेलवे में भी मेक इन इंडिया अभियान की सफलता वंदे भारत अभियान के रूप में साफ नजर आ रही है।
वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत
मेक इन इंडिया के तहत तैयार देश की पहली सेमी हाई स्पीड ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ (ट्रेन-18) को नई दिल्ली-वाराणसी के बीच 15 फरवरी 2019 को हरी झंडी दिखाई गई थी। देश को दूसरी वंदे भारत ट्रेन का तोहफा 3 अक्टूबर 2019 को नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा के रूप में मिला। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ और वैष्णो देवी जाने वाले तीर्थ यात्रियों की राह आसान हो गई। वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के केवल दो रेक नई दिल्ली-कटरा और नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर चल रहे हैं।
वंदे भारत के नए वर्जन की रफ्तार
वंदे भारत 2 एक्सप्रेस 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चलने में सक्षम होने के लिए डिजाइन किया गया है। जबकि पहले वाली मौजूदा ट्रैक स्थिति के कारण ट्रेन 130 किमी-160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से संचालित होती है। वहीं रेल मंत्री के मुताबिक वंदे भारत एक्सप्रेस के तीसरे अपग्रेडेड वर्जन की रफ्तार 220 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।
Superior ride quality.
Look at the glass. Stable at 180 kmph speed.#VandeBharat-2 pic.twitter.com/uYdHhCrDpy— Ashwini Vaishnaw (मोदी का परिवार) (@AshwiniVaishnaw) August 26, 2022
वंदे भारत की खासियत
वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से भारत में निर्मित है, जो कि एक सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। वंदे भारत ट्रेन एक सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन वाली ट्रेन है, यानि इसमें अलग इंजन नहीं है। इसमें स्वचालित दरवाजे और वातानुकूलित चेयर कार कोच और एक घूमने वाली कुर्सी है जो 180 डिग्री तक घूम सकती है।
इन ट्रेनों के प्रत्येक कोच में धूल रहित वातावरण के लिए गैंगवे, मॉड्यूलर बायो-वैक्यूम शौचालय, एग्जीक्यूटिव क्लास में रोटेटिंग सीट, पर्सनलाइज्ड रीडिंग लाइट, स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ ऑटोमेटिक एंट्री-एग्जिट डोर, डिफ्यूज एलईडी लाइटिंग, मिनी पेंट्री, सेंसर-आधारित इंटरकनेक्टिंग दरवाजे हैं। इसके अलावा रेलवे यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी नई ट्रेनों में ‘कवच’ तकनीक लग रहा है, ताकि अगर कभी एक ही ट्रैक पर दूसरे ट्रेन आ जाए, तो ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लगाया जा सके।
अगस्त 2023 तक देश में 75 और वंदे भारत ट्रेन का लक्ष्य
गौरतलब हो कि बजट 2022 में अगले तीन सालों में 400 सेमी-हाई स्पीड अगली पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों को शुरू करने की योजना रखी है। ये नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनें बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्री सवारी अनुभव प्रदान करेंगी। पीएम मोदी ने गत वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर देश के सामने कई लक्ष्य रखे थे। इसी श्रृंखला में उन्होंने भारतीय रेलवे के लिए अमृत महोत्सहव के 75 सप्ताह में अर्थात 15 अगस्त 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ने के लिए शुरू करने का लक्ष्य दिया।