ऊर्जा मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि निजी रिहायशी भूमि पर बिजली के खंभों (Electric poles) को हटाने या दूसरी जगह लगाने सम्बन्धी मामलों की समीक्षा की जाएगी। ऊर्जा मंत्री आज विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के विधायक वरुण चौधरी द्वारा पूछे गये प्रश्न के उत्तर में सदन में बोल रहे थे।
उन्होंने सदन को अवगत करवाया कि बिजली के खंभे (Electric poles) लगाने के लिए भारतीय तार अधिनियम के तहत प्राधिकरण के पास किसी भी अचल सम्पत्ति पर पोस्ट अथवा पोल लगाने और बनाए रखने की पूरी शक्तियां हैं। सरकार ने वर्ष 2022 में मुआवजा नीति भी निर्धारित की है। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति ओवरहेड लाइन बनने के बाद बिजली लाइनों के नीचे आवासीय भवन का निर्माण करता है तो उसे तकनीकी फिजिबिलिटी के अधीन पोल अथवा लाइन को शिफ्ट करने के लिए राशि जमा करवानी होती है।
ऊर्जा मंत्री ने सदन को इस बात की भी जानकारी दी कि बिजली लाइनों की शिफ्टिंग लागत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा और बिजली आपूर्ति से सम्बन्धित उपाय) विनियम, 2010 और हरियाणा बिजली विनियामक आयोग के नियमों के तहत निर्धारित है। चर्चा में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता ने भी सुझाव दिया कि जनहित में इस मुद्दे पर समीक्षा करने की आवश्यकता है।