रेवाड़ी जिला के ग्रामीण विकास में ‘ग्राम संरक्षक योजना’ के तहत राज्य सरकार के प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी सहभागी बनने जा रहे हैं। इस योजना के तहत अधिकारी एक-एक गांव को गोद लेंगे और उसके संपूर्ण विकास पर काम करेंगे। यह जानकारी डीसी यशेन्द्र सिंह ने दी। डीसी ने कहा कि ग्राम संरक्षक योजना के क्रियांवयन बारे हाल ही में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इन अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए गांवों के विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों के बारे में विस्तार से बताया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों की जिला में प्रभावी ढंग से अनुपालना की जाएगी।
गवर्नमेंट-कम्युनिटी पार्टनरशिप (जीसीपी) पर रहेगा फोकस
डीसी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राजपत्रित अधिकारी से संवाद करते हुए कहा कि अधिकारियों को लोगों की सेवा करने के इरादे से इस क्षेत्र में निष्ठा और लगन से कार्य करने के लिए आगे आना है। जनकल्याण और विकास के लिए सरकारी अधिकारियों के इस अनूठे सहयोग की एक नई पहल की है। जैसे निजी क्षेत्र में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप-पीपीपी है, उसी प्रकार इसे गवर्नमेंट-कम्युनिटी पार्टनरशिप (जीसीपी) कहा जाएगा, जिसमें अधिकारी अपने कार्यालय के नियमित कार्यों के अलावा गांवों के विकास के लिए काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह उनके सरकारी कार्य का हिस्सा नहीं बल्कि समाज सेवा का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को महीने में कम से कम एक बार अपने गोद लिए गांव का दौरा करना होगा और इसके विकास की निगरानी करनी होगी। उन्होंने अधिकारियों को ‘सबका साथ-सबका विश्वास’ की विचारधारा का पालन करते हुए इस योजना पर समाज सेवा के रूप में कार्य करने का आग्रह किया।
सरकार लोगों की समृद्धि और हैप्पीनेस इंडेक्स को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध
डीसी यशेन्द्र सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करने के अलावा, सरकार आमजन की सुख-समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ से लोगों की समृद्धि का अंदाजा लगाया जा सकता है। अपनी रैंकिंग बढ़ाने की जरूरत है और ‘ग्राम संरक्षक योजना’ पर काम करके अधिकारी राज्य के ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ में सुधार के लिए प्रमुख योगदान दे सकते हैं।
सरकारी अधिकारी और सेवानिवृत्त अधिकारी, दोनों बन सकते हैं योजना में सहयोगी
डीसी ने कहा कि यदि सेवारत अधिकारियों और सेवानिवृत्त अधिकारियों सहित सभी लोग गांवों के विकास में योगदान दें तो राज्य और अधिक तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। उन्होंने कहा कि संरक्षक वेबसाइट www.intrahry.gov.in पर पंजीकरण कर पंचायतों का चयन कर सकते हैं। यदि वे गोद लिए गए गांव को बदलना चाहते हैं तो एडीसी से संपर्क किया जा सकता है। राज्य के सेवानिवृत्त अधिकारी और लोग, जो गांव के विकास में योगदान देना चाहते हैं, वे हरियाणा स्वयंसेवी कार्यक्रम की वेबसाइट- https://samarpan.haryana.gov.in पर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
गोद लिए गए गांवों में किए जाने वाले प्रमुख कार्य
डीसी ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) योजना के तहत आय सत्यापन का काम किया जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय समितियां इस पर काम कर रही हैं और संरक्षक आय सत्यापन की प्रक्रिया में तेजी लाएंगे। इसके अतिरिक्त सत्यापित आय को प्रमाणित करना ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि पार्कों और व्यायामशालाओं के रखरखाव के कार्य की निगरानी के अलावा, श्मशान घाटों पर स्वच्छ पेयजल आदि की आपूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। संरक्षक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के कामकाज की निगरानी भी करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कुपोषित बच्चों आदि को उचित आहार दिया जाए।