Sewerage Treatment Plant: जनस्वास्थ्य एवं सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल ने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा 500 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewerage Treatment Plant) लगाने की योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत बनने वाले एसटीपी से वर्ष 2025 तक ट्रीटेड वाटर को 60 प्रतिशत तक उपयोग में लाया जा सकेगा। जनस्वास्थ्य मंत्री अमृत जल क्रांति के अंतर्गत पंचकूला में आयोजित दो दिवसीय जल संगोष्ठी में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार का 2030 तक ट्रीटेड पानी का शत प्रतिशत उपयोग में लाने का लक्ष्य है। इसे लेकर राज्य में बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2030 तक एसटीपी की संख्या में बढोतरी करके संशोधित किए जाने वाले सारे पानी को दोबारा से उपयोग में लाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विभाग के 177 एसटीपी में पानी को संशोधित किया जा रहा है तथा 14 प्रतिशत पानी को ही दोबारा उपयोग में लाया जा रहा है।
नहरी पानी केवल पेयजल हेतु उपयोग करने पर बल
जनस्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार नहरी पानी को पेयजल के रूप में ही उपयोग करने पर बल दे रही है ताकि जनता को निर्बाध एवं पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल सुलभ हो सके। इसके अलावा गंदे पानी को संशोधित (Sewerage Treatment Plant) करके और बरसाती पानी का भण्डारण करके सिंचाई, बागवानी व निर्माण कार्यों में उपयोग में लाया जा सकेगा।
इसके अलावा भविष्य में पानी का संकट न आए इसके लिए व्यापक स्तर पर योजनाएं क्रियान्वित करने के अलावा नागरिकों को भी जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत अधिक पानी की खपत वाली फसलों के स्थान पर कम पानी वाली लागत की फसलें उगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
जल घर व एसटीपी स्थलों को भव्य एवं सुन्दर बनाएं
डा. बनवारी लाल ने कहा कि बरसाती एवं वेस्ट पानी से गलियां एवं सड़कें टूट जाती है। इस प्रकार इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ बजट की बर्बादी होती है। इसे रोकने के लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जाएं। इसके अलावा, प्रत्येक छत पर पानी की टंकी पर कंट्रोल वॉल एवं नलों पर टूटी लगाने के लिए भी नियमित अभियान चलाए जाएं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को हर जलघर व एसटीपी स्थलों को भव्य एवं सुन्दर बनाने तथा गर्मी के मौसम में पेयजल की समस्या को तुरन्त प्रभाव से दूर करने भी निर्देश दिए।