Same Gender Marriage: सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाह को मान्यता दी जायें या नहीं, इसको लेकर सुनवाई चल रही है। इस बीच समलैंगिक विवाह का कई स्थानों पर विरोध भी किया जा रहा है। रेवाड़ी में भी अलग-अलग सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने समलैंगिक विवाह पर विरोध दर्ज कराते हुये डीसी को ज्ञापन सौंपा है।
सुप्रीम कोर्ट को नहीं करनी चाहिए मामले में सुनवाई
लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले (Same Gender Marriage) में सुनवाई ही नहीं करनी चाहिए। जबकि कानून के जानकारों का मानना है कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट का नहीं है बल्कि संसद का है। क्योंकि कानून बनाने का काम संसद का है।
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समलैंगिक विवाह का विरोध
समलैंगिक विवाह (Same Gender Marriage) का विरोध दर्ज कराने पहुँचे लोगों ने कहा कि हिन्दू संस्कृति में कभी भी ऐसे विवाह को मान्यता नहीं दी जा सकती। लड़के – लड़के और लड़की –लड़की का विवाह अप्राकृतिक है। जिससे देश और समाज को काफी नुकसान होंगे।