रेलवे यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दरअसल, भारतीय रेलवे एक ऐसी तकनीक लेकर आई है जिससे कि अब रेल यात्रियों की ट्रेन नहीं छूटेगी। जी हां, इसरो के सहयोग से विकसित रीयल टाइम ट्रेन इंफॉर्मेशन सिस्टम (RTIS) इसमें रेल यात्रियों की बड़ी मदद करेगा। इससे ट्रेनों में ऑटोमेटिक चार्टिंग और यात्रियों को नवीनतम स्थिति की जानकारी मिल सकेगी। आइए विस्तार से समझते हैं कि कैसे ये सिस्टम काम करेगा…
RTIS सिस्टम देगा हर 30 सेकेंड में अपडेट
यह RTIS ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान या पूर्वाभ्यास सहित स्टेशनों पर ट्रेन की आवाजाही के समय की स्वत: जानकारी प्राप्त करने के लिए इंजनों में लगाया जा रहा है। जो कि हर 30 सेकेंड का अपडेट देगा। कंट्रोल ऑफिस एप्लीकेशन (सीओए) सिस्टम में आरटीआईएस( RTIS) अपने आप उन ट्रेनों के कंट्रोल चार्ट पर स्वत: सारणी तैयार कर लेते हैं।
ट्रेन के स्थान और गति पर रखेगा बारीकी से नजर
आरटीआईएस ( RTIS) 30 सेकंड के अंतराल पर मिड-सेक्शन अपडेट प्रदान करता है। ट्रेन नियंत्रण अब बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के RTIS सक्षम इंजनों व ट्रेन के स्थान और गति पर अधिक बारीकी से नजर रख सकता है।
2,700 इंजनों में लगाया गया यह उपकरण
सफर के रूट पर गाड़ियों के एक्चुअल पोजीशन की सटीक जानकारी यात्रियों तक जल्द से जल्द पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे ने 2700 ट्रेन इंजनों में RTIS डिवाइस लगाए हैं। 21 इलेक्ट्रिक लोको शेड में 2,700 इंजनों के लिए RTIS उपकरण स्थापित किए गए हैं। वहीं दूसरे चरण के रोल आउट के हिस्से के रूप में, इसरो के सैटकॉम हब का उपयोग करके 50 लोको शेड में 6,000 और इंजनों को शामिल किया जाएगा।
6,500 रेल के इंजनों में लगे हैं GPS
वर्तमान में, लगभग 6,500 लोकोमोटिव (RTIS और REMMLOT) को सीधे कंट्रोल ऑफिस एप्लिकेशन (COA) में डाला जा रहा है। इसने सीओए और NTES एकीकरण के माध्यम से यात्रियों को ट्रेनों की स्वचालित चार्टिंग और नवीनतम जानकारी के सूचना प्रवाह को सक्षम किया है।