बता दे कि केंद्र सरकार ने हरियाणा मे जल्द ही उत्तरी भारत का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र (nuclear power plant) स्थापित करने का फैसला लिया है। जिसका मुख्य उद्देश्य देश मे ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है। भारत की सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की इन ऊर्जा संयंत्र मे क्षमता है। केंद्रीय परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, पीएम मोदी के शासन काल के दौरान, यह प्रमुख उपलब्धियों में से एक है कि देश के अन्य हिस्सों में परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना होगी।
यह पहले तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे ज्यादातर दक्षिण भारतीय राज्यों या पश्चिम में महाराष्ट्र तक ही सीमित थे। उन्होंने कहा, भारत की परमाणु क्षमता को बढ़ाने की प्राथमिकता के अनुरूप सरकार द्वारा यह क्रांतिकारी फैसले लिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 8 वर्षों में कई क्रांतिकारी फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 10 परमाणु रिएक्टरों की स्थापना के लिए एक व्यापक स्वीकृति दी गई है।
दो इकाइयां होगी स्थापित
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास 1,400 मेगावाट का यह परमाणु ऊर्जा संयंत्र (nuclear power plant) निर्माणाधीन है जिसमें अणु विद्युत परियोजना (GHAVP) की 700 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां हैं। इनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर (PHWR) स्वदेशी डिजाइन है।
कितनी राशि की गई आवंटित
अब तक, कुल आवंटित धनराशि 20,594 करोड़ में से ₹4,906 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र (nuclear power plant) के लिए फायर वॉटर पम्प हाउस (FWPH), सुरक्षा संबंधित पंप हाउस (HRPH), ईंधन तेल भंडारण क्षेत्र 1 और 2 (एफओएसए 1 और 2), वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक (ओएचटी), स्विचयार्ड कंट्रोल बिल्डिंग, सुरक्षा जैसे अन्य मुख्य संयंत्र भवनों का निर्माण संबंधित और गैर-सुरक्षा संबंधी सुरंग और खाइयां, रिटेनिंग वॉल और गारलैंड ड्रेन का काम अच्छी तरह से चल रहा है।
तेजी से चल रहा काम
न्यूक्लियर प्लांट के लिए तेजी से काम चल रहा है। इस क्रम में अभी तक टर्बाइन बिल्डिंग- 1 और 2, 220 केवी स्विचयार्ड और आईडीसीटी-1ए में जमीनी सुधार पूरा हो गया है जबकि एक 400 केवी स्विचयार्ड, आपातकालीन मेकअप पानी तालाब और स्टेशन सड़कें प्रगति पर हैं। परमाणु ऊर्जा विभाग ने बताया है कि “प्राइमरी कूलेंट पंप, कैलेंड्रिया, रिएक्टर हेडर्स, रिफ्यूलिंग मशीन हेड्स, मॉडरेटर और अन्य डी20 हीट एक्सचेंजर्स आदि जैसे प्रमुख लंबे विनिर्माण चक्र उपकरणों के लिए खरीद के ऑर्डर पहले से ही दिए जा चुके हैं।
पहली इकाई के लिए एंड शील्ड और सभी स्टीम जेनरेटर साइट पर प्राप्त हो गए हैं। अन्य उपकरणों का निर्माण विभिन्न चरणों में है और निर्माण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए साइट पर डिलीवरी अच्छी तरह से होने की उम्मीद है।इसके अलावा, प्रचालनगत ठंडे पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए टोहाना से जीएचएवीपी तक जल वाहिनी का निर्माण हरियाणा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (HI और WRD) के माध्यम से जमा कार्य के रूप में आरंभ किया गया है और इसकी प्रगति अच्छी चल रही है।