आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हरियाणा सरकार ने विकास के एजेंडे में महिलाओं को केंद्र में रखते हुए अहम फैसला लिया है। डीसी यशेन्द्र सिंह ने सरकार की इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबर का अधिकार मिले। यह योजना उन ऋणियों को कवर करेगी जिनका ब्याज 31 मार्च 2019 तक निगम को भुगतान के लिए बकाया है। योजना 31 मार्च 2019 को डिफाल्ट रूप से मूल राशि पर लागू होगी लेकिन उसके बाद भुगतान की गई मूल राशि शामिल नहीं होगी।
योजना 1 जून 2022 तक होगी वैध : डीसी
डीसी ने बताया कि ऋणी द्वारा बकाया मूल राशि को एकमुश्त या 1 जून से पहले चुका दिया जाता है तो वह लाभार्थी महिला ब्याज की 100 फीसदी छूट के लिए पात्र होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छूट का लाभ ऋणी को बकाया मूलधन की अंतिम किस्त के भुगतान के समय दिया जाएगा। ब्याज में छूट केवल उन्हीं कर्जदारों को दी जाएगी जो 1 जून से पहले पूरी बकाया मूल राशि का भुगतान कर देंगे। योजना के लाभार्थी कम से कम एक वर्ष के अंतराल के बाद ही भविष्य में एक और ऋण अग्रिम कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार की यह योजना 1 जून 2022 तक वैध होगी और किसी भी आधार पर या किसी न्यायालय के मामले या मध्यस्थता के बहाने योजना की वैधता अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा महिला विकास निगम की ऋणी लाभार्थियों को लाभ देने की इस प्रक्रिया में राज्य सरकार को आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी लेकिन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। डीसी ने सभी लाभार्थियों से आह्वान किया कि वे इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। यह योजना सीमित समय के लिए है। ऐसे में बिना देरी किए इस सौ फीसदी ब्याज माफी योजना का लाभ उठाना चाहिए।