Divyang-Friendly: भिवानी जिला में दिव्यांगों की मांग पर एक गाँव से दूसरे गाँव तक एक “संपर्क -सड़क ” का भी निर्माण किया जाएगा। माना जाता है कि यह भी देश में अपनी तरह का पहला उदाहरण स्थापित होगा कि दिव्यांगजनों की जरुरत को देखते हुए दिव्यांगजन आयुक्त ने आदेश दिए हों और राज्य सरकार ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सड़क निर्माण के टेंडर भी कर दिए।
दिव्यांग-विद्यार्थियों को ऊपर नीचे चढ़ने मे होती है दिक्कत
मक्कड़ ने बताया कि उन्होंने दिव्यांगजन के लिए बनाए गए कानून का हवाला देते हुए प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को आदेश दिए कि उनके परिसर में दिव्यांगजन (Divyang) की सहूलियत के लिए लिफ़्ट, रैम्प,व्हीलचेयर तथा टैक्टाइल बनाए जाएं। इसके अलावा, दिव्यांगजन के लिए साइन-लैंग्वेज भी अंकित की जाए ताकि दृष्टि -बाधित दिव्यांगजनों को वॉशरूम आदि आवश्यक जरूरतों के लिए जाने में आसानी हो सके। उन्होंने बताया कि उक्त सभी विश्वविद्यालयों ने आदेशों की अनुपालना करते हुए सभी प्रबंध करके कम्प्लाइंस-रिपोर्ट भेज दी है।
विश्वविद्यालयों मे दिव्यांगों के लिए निःशुल्क चलेगी ई- रिक्शा
दिव्यांगजन आयुक्त ने आगे जानकारी दी कि नए शैक्षणिक सत्र से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र तथा महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक में दिव्यांगों के लिए ई- रिक्शा चलाई जाएंगी, जो कि दिव्यांगों (Divyang) को विश्वविद्यालय परिसर में एक स्थान से दूसरे स्थान तक निःशुल्क लेकर जाएंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि शहीद भगत फूल सिंह खानपुर महिला चिकित्सा महाविद्यालय में जब दिव्यांगजन अपना ईलाज करवाने के लिए आते थे तो उनको ऊपरी मंजिल पर स्थित ओपीडी में जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, उनकी इसी दिक्कत को समझते हुए वहां पर रैम्प और लिफ़्ट बनवाने के आदेश दिए गए हैं, टेंडर हो गए हैं और आगामी दो माह में बन कर तैयार हो जाएंगे।
राज्य सरकार भी दिव्यांगजनों की सहायता के लिए कर रही कार्य
राजकुमार मक्कड़ ने दिव्यांगजनों की सहायता एवं सुविधा के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पलवल में जिला नागरिक अस्पताल, जहाँ दिव्यांगों (Divyang) के लिए मेडिकल-बोर्ड द्वारा प्रमाण-पत्र बनाए जाते हैं, में वॉटर-प्योरिफायर तथा वॉटर-कूलर का प्रबंध करवाया गया है। फ़रीदाबाद के जिला नागरिक अस्पताल में नर्सिंग-प्रिंसिपल को बोलकर दिव्यांगजन-उपयोगी 10 बेंच लगवाए गए हैं।
कैथल में भी सभी जिला- कार्यालयों को दिव्यांग-मित्र बनाया गया है , इस संबंध में कैथल के उपायुक्त की ओर से उनको पत्र मिला है। मक्कड़ ने बताया कि राज्य सरकार भी दिव्यांगजनों (Divyang) की सहायता के लिए कार्य कर रही है।