आपको बता दें कि वर्ष 2015 में एम्स की घोषणा की गई थी. जिसके बाद बड़े आन्दोलन के बाद वर्ष 2019 में रेवाड़ी में एम्स को मंजूरी मिली थी. लेकिन कभी जमीन को लेकर , कभी फारेस्ट एडवायजरी कमेटी की आपत्ति के कारण , तो कभी जमीन के बदले किसानों को उचित मुआवजा ना मिलने के कारण मामला लम्बे समय तक अटका रहा.
लेकिन अभी सभी अडचने दूर हो चुकी है. माजरा गाँव कि 210 एकड़ जमीन में से 193 एकड़ जमीन सरकार के नाम हो चुकी है और किसानों को जमीन के बदले राशी भी दी जा चुकी है. एम्स बनाओ संघर्ष समिति का कहना है कि इस परियोजना में पहले ही कभी देरी हो चुकी है. इसलिए बिना देरी किये जल्द एम्स की आधारशिला रखी जाएँ.
वहीँ डीसी अशोक गर्ग ने कहा कि अभी 17 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री होना बाकी है. अगले हफ्ते तक केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम रेवाड़ी आएगी . जिन्हें वो जमीन हैण्डओवर कर देंगे. जिसके बाद निर्माण प्रकिया की कार्रवाई की जायेगी.
माजरा एम्स इलाके के लिए बड़ी परियोजना है. जिसके लिए इलाके के लोग बेसब्री से इन्तजार कर रहे है. लेकिन ये इन्तजार किसी ना किसी के कारण हमेशा लम्बा होता आया है. ऐसे में देखना होगा कि माजरा एम्स की आधारशिला कब रखी जाती है और कब निर्माण शुरू कराया जाता है.