Home रेवाड़ी लंपी स्किन वायरस से बचाव के लिए चलाया जा रहा है पशु...

लंपी स्किन वायरस से बचाव के लिए चलाया जा रहा है पशु टीकाकरण अभियान

4
0

पशुओं में लंपी स्किन वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हरियाणा सरकार व प्रशासन अलर्ट मोड में काम कर रहे हैं। सरकार की ओर से लंपी स्किन वायरस के फैलाव को रोकने के लिए पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लंपी स्किन वायरस से पशुओं की सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण अभियान बेहद जरूरी है ताकि पशुओं को लंपी स्किन वायरस के प्रकोप से बचाया जा सके। उन्होंने बताया कि रेवाड़ी जिला में लंपी स्किन वायरस का संक्रमण नहीं है फिर भी पशुपालकों को सावधानी के तौर पर पूरी एहतियात बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लंपी मक्खी और मच्छर से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में सभी संबंधित विभाग परस्पर समन्वय से गांव व शहरों में स्वच्छता अभियान चलाकर साफ-सफाई कराया सुनिश्चित करें।

संक्रमित पशु की मृत्यु होने पर मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ कराई जाए अंतिम क्रिया :

डीसी ने निर्देश दिए कि लंपी स्किन वायरस से संक्रमित पशु की मृत्यु होने पर उसकी अंतिम क्रिया पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ कराई जाए। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर मृत पशुओं का निस्तारण 2 से 2.5 मीटर गहरा गड्ढा खोदकर करना चाहिए। मृत पशु को खुले में छोड़ने से अन्य स्वस्थ पशुओं में संक्रमण फैल सकता है। इसलिए स्वस्थ पशुओं को बीमार पशुओं से अलग रखें तथा रोग के लक्षण दिखाई देने पर अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से सम्पर्क करें।

जिला प्रशासन अलर्ट एवं मिशन मोड में कर रहा कार्य :

डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि रेवाड़ी जिला में लंपी स्किन वायरस के संक्रमण एवं प्रसार को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है और मिशन मोड में कार्य कर रहा है। जिला प्रशासन की ओर से रेवाड़ी जिला में लंपी स्किन वायरस की रोकथाम के लिए राजस्थान सहित अन्य दूसरे राज्यों से गाय-भैंस को लाने व ले जाने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। इसके अलावा पशु मेलों के आयोजन, पशुओं को खरीदने व बेचने तथा बीमार गाय, भैंस आदि पशुओं को जोहड़ व तालाबों पर ले जाने पर  पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश की अवहेलना करने वालों से जिला प्रशासन सख्ती से निपटेगा और नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

लंपी स्किन वायरस से बचाव के लिए सरकार ने जारी की एडवाइजरी :

डीसी ने कहा कि सरकार की ओर से लंपी स्किन वायरस से सुरक्षा को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। पशुपालकों को चाहिए कि वे अपने पशुधन को लंपी चर्म रोग से बनाने के लिए सरकार व जिला प्रशासन द्वारा जारी की जा रही एडवाइजरी व हिदायतों की पूर्ण रूप से पालना करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह वायरस जनित रोग मुख्यत: गोवंश में पाया जाता है तथा भैंसों में यह रोग ना के बराबर है। इस वायरस का संक्रमण गर्म व नम मौसम में मक्खी, मच्छर व चीचड़ आदि के काटने से फैलता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ पशु के संक्रमित पशु के सम्पर्क में आने से भी यह रोग हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह रोग पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता।

लंपी स्किन वायरस से ऐसे करें अपने पशुओं का बचाव :

डीसी ने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए पशुओं को वैक्सीन लगवानी चाहिए। पशुओं के बाड़े को सूखा व साफ-सुथरा रखें, नियमित रूप से मक्खी व मच्छर रोधी दवाओं का प्रयोग करें, बीमार पशुओं के घावों की नियमित रूप से लाल दवाई व फिटकरी से सफाई करें, बीमार पशु से उत्पादित दूध का सेवन अच्छी तरह से उबाल कर करें, बीमार पशु के सम्पर्क में आने पर अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। पशुओं को जोहड़, हौदी, मेलों आदि में लेकर न जाएं।