आपको बता दें कि 15 नवंबर 2018 को हत्या के एक मामले में सीआईए धारूहेड़ा के इंचार्ज रहे सब इंस्पेक्टर रणबीर सिंह सूचना के आधार पर धारूहेड़ा में भिवाड़ी पाईपास पर नरेश खरखड़ा को पकड़ने गए थे. जहाँ नरेश ने अवैध हथियार से पुलिस पर फायरिंग कर दी. इस दौरान गोली लगने से एसआई रणबीर सिंह की मौत हो गई थी.
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जाँच शुरू की. और नरेश के दो साथियों को और इस मामले में गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद पुलिस की तरफ से गवाह और सबूत एकत्रित करके कोर्ट में पेश किये गए. और अब तमाम सबूत और गवाहों के आधार पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने नरेश को फांसी की सजा सुनाई है. जबकि उसके दो साथियों को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया है.
आपको बता दें कि जिस नरेश खरखड़ा को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. वो कुख्यात बदमाश है. जिसपर तीन हत्या , एक हत्या का प्रयास और एक डकैती का केस दर्ज है. 18 नवंबर 2018 की रात पुलिस नरेश को होटल संचालक की हत्या के मामले में वंचित होने पर गिरफ्तार करने पहुंची थी.