स्थाई लोक अदालत एवं यूटिलिटी सर्विस बोर्ड के चेयरमैन जग भूषण गुप्ता ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए अपने निर्णय में कहा कि जब सेक्टर में रहने वाले सभी निवासी हाउस टैक्स अदा कर रहे हैं, तो नगर परिषद की यह विधिक जिम्मेवारी है कि आम पब्लिक को सुविधाएं मुहैया कराए। स्थाई लोक अदालत ने एक याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश दिए हैं।
29 जनवरी 2021 को शहर के सेक्टर चार निवासी अधिवक्ता सुनील भार्गव, रेनू राय, धर्मेंद्र सुहाग, मुकेश कुमारी, ममता, राजबाला और संतोष ने संयुक्त रूप से एक याचिका परमानेंट लोक अदालत एवं यूटिलिटी सर्विस बोर्ड के समक्ष दायर की थी। इस याचिका में मांग की गई थी कि सेक्टर 4 में मकान नंबर 2253 से 2266 2153 से 2174 और 2197 से 2208 के सामने की सड़कें बिल्कुल खंडर हाल में हो चुकी है, और नगर परिषद अपने जिम्मेवारी से मुकरते हुए इन सड़कों का निर्माण नहीं कर रही है।
इसके साथ ही याचिका में यह भी मांग की गई थी कि सेक्टर में स्थित पार्कों का बुरा हाल है। जिसकी देखरेख एवं रखरखाव की जिम्मेवारी नगर परिषद रेवाड़ी की है,लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से सबूत स्थाई अदालत में पेश किए गए थे। जिस पर अपना निर्णय सुनाते हुए स्थाई लोक अदालत के चेयरमैन जग भूषण गुप्ता ने स्पष्ट किया कि आम पब्लिक को सुविधाएं मुहैया कराना नगर परिषद का दायित्व है। वह अपने इस काम से पीछे नहीं हट सकते।
इसके लिए प्रत्येक निवासी हाउस टैक्स अदा कर रहा है। मूलभूत सुविधाओं को पूरा करने की जिम्मेवारी नगर परिषद की है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह सभी सड़कें दो माह के भीतर बन जानी चाहिए तथा एक माह के अंदर पार्कों की रखरखाव एवं सुधार किया जाना है।