मुंबई-रतलाम-नई दिल्ली के बीच 160 से 200 किलोमीटर की गति से सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है. इसके लिए रेलवे ट्रैक पर 1086 किलोमीटर दीवार बनाने का काम अंतिम चरण पर पहुंच गया है. रेल मंडल की बात करें तो इसके साथ साथ तेजी से ट्रक व सिग्नल में अत्याधुनिक बनाने का कार्य भी चल रहा है.
रेलवे ने मुंबई-रतलाम- नई दिल्ली में भोपाल से बेंगलुरु के बीच धीमी सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने का निर्णय लिया हुआ है. इस ट्रेन को चलाने से मुंबई से दिल्ली के बीच की दूरी 12 घंटे करने का प्रयास है. इन ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच रहेगी.पहले चरण में इन्हें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलाया जाएगा. इसके साथ ही जहां -जहां कॉरिडोर डेवलप होते जाएंगे इनकी रफ्तार भी बढ़ाई जाएगी.
वहीं पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल का कहना है की इस योजना को पूरा करने के लिए तेजी से काम चल रहा है .इस प्रोजेक्ट में चार जोन मिलकर काम कर रहे है. 6 हजार करोड़ रुपए की इस योजना में 160 की गति से पहले व बाद में 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन को चलाया जाएगा. मार्च 2024 में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा.
2015 में बनी थी यह योजना
तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2015 – 2016 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. लेकिन विभागीय मंत्रियों के बदलने के कारण इस योजना पर काम नही हो सका था.रेल मंत्रालय के अधिकारियों का दावा है कि अगले साल के अंत से सेमी हाईस्पीड ट्रेनों को शुरू कर दिया जायेगा. ट्रेनों को हाईस्पीड पर चलाने के लिए पहले चरण में 10 कॉरिडोर बन कर तैयार हो चुके हैं. मुंबई – रतलाम – नई दिल्ली सेक्शन पर कॉरिडोर का काम लगभग पूरा हो चुका है. दावा है कि अगले रेल बजट के पहले यह बनकर तैयार हो जाएंगे. इसके अलावा अन्य रेल मार्ग पर भी कॉरिडोर बनाए जा रहे है. रेलवे मंडल में जहां कॉरिडोर के लिए तेजी से सिग्नल को अत्याधुनिक कर रही है वही दूसरी तरफ ट्रैक को भी सुरक्षित करते हुए बेहतर काम कर रही है.इसके लिए मेघनगर से लिमखेड़ा – गोधरा सेक्शन में ब्लॉक लेकर काम किए जा रहे है.