रेवाड़ी में भी प्रवासी लोगों ने छठ पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया. रेवाड़ी के –अलग –अलग स्थानों पर बनाये गए कृत्रिम घाट पर श्रद्धालुओं ने पानी में खड़े होकर सूर्यदेव की अराधना की. शहर के ऐतिहासिक सोलाराही तालाब और कालका रोड़ बाईपास स्थित बनाये गए कृत्रिम घाट के आलावा धारूहेड़ा कस्बे में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
आपको बता दें कि सोलाराही तालाब वर्षो बदहाल है. जिसका जीर्णोद्धार करने के लिए सालों से योजानाएं बन रही है. लेकिन पूर्वांचल सेवा समिति ने छठ पर्व पर लोगों की आस्था देखते हुए सोलाराही की अपने खर्च पर ना केवल सफाई की बल्कि यहाँ कृत्रिम घाट भी बनाया है.
इसी तरह से कालका रोड़ बाईपास स्थित खाली पड़ी जमीन पर भी मिथलांचल छठ पूजा सेवा समिति ने कृत्रिम घाट बनाया . जहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचे और पुरे विधिविधान छठ मैया की पूजा अर्चना की गई .
श्रद्धालुओं ने कहा यूपी , बिहार ,झारखण्ड साइड में इस पर्व की बड़ी मान्यता है. और वो अपने घरों से दूर रहकर इस पर्व को उतनी ही ख़ुशी और रितिरावाज से साथ मना पा रहे है . उससे काफी ख़ुशी मिल रही है.
आपको बता दें कि छठ पर्व पर निराहार और निर्जला व्रत रखा जाता है। फिर शाम के समय नदी या तालाब में जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है। मान्यता है छठ पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। खासकर इस व्रत को संतानों के लिए रखा जाता है। कहते हैं जो लोग संतान सुख से वंचित हैं उनके लिए ये व्रत वरदान साबित होता है। आज दस नवंबर को शाम को सूर्य अस्त होते समय पूजा अर्चना की गई और इसी तरह से 11 नवम्बर को सुबह सूर्य उदय होते समय पूजा अर्चना की जायेगी .