रेवाडी। पहले से बदहाल किसान को सरकार 3 अध्यादेशों के जरिए पूरी तरह पूंजी पतियों के हवाले करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर किसान भाईयों के साथ खड़ी है। सडक़ से लेकर सदन तक, विधानसभा से लेकर संसद तक किसान की आवाज़ को उठाया जाएगा। उक्त बातें कहते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी को बिना देरी के अपना वादा पूरा करते हुए किसानों को स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी देनी चाहिए। जब तक किसान की पूरी लागत को ध्यान में रखते हुए एमएसपी तय नहीं होती, तब तक किसानों की आय नहीं बढ़ सकती।
यादव ने कहा कि ये आंदोलन सिर्फ
किसान का ही नहीं है, इसमें मजदूर, आढ़ती और छोटे व्यापारी भी शामिल हैं। सभी का मानना है कि बिना एमएसपी के ये अध्यादेश किसानहित में नहीं हैं। अगर सरकार इन्हें लागू करना चाहती है तो सबसे पहले इसमें एमएसपी पर खऱीद का प्रावधान शामिल करना चाहिए।
कैप्टन अजय सिंह ने कहा कि जब हमारी कांग्रेस की सरकार थी तो उस समय अलग-अलग फसलों के एमएसपी में रिकॉर्ड 2 से 3 गुना की बढ़ोतरी हुई थी। हमारी सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए क़दम उठाए थे। लेकिन इस सरकार ने एमएसपी देने की बजाए किसान के जले पर नमक छिडक़ने का काम किया है। 3 कृषि
अध्यादेशों को लेकर किसानों का सीधा आरोप है कि बिना एमएसपी और किसी तरह के सरकारी नियंत्रण वाले इन अध्यादेश के जरिए मंडी और एमएसपी व्यवस्था को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है। बार-बार विरोध करने के बावजूद सरकार इन अध्यादेशों को तानाशाही तरीके से थोपना चाहती है। इसीलिए किसान को मजबूर होकर सडक़ों पर उतरना पड़ रहा है और भाजपा सरकार कोरोना का डर दिखाकर उसकी आवाज़ को दबाना चाहती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी किसान भाईयों की आवाज को दबने नही देगी और हर
आंदोलन व संघर्ष में कंधा से कंधा मिलाकर किसान भाईयों का साथ देगी।