अंतरजातीय विवाह करने वाले 10 जोड़ों को मिला 25 लाख रूपए का प्रोत्साहन अनुदान, पढ़े क्या है पूरी योजना !
रेवाड़ी , 6 जून । सहकारिता व अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉक्टर बनवारी लाल ने रविवार को जिला भाजपा कार्यालय परिसर में अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना के 10 शादीशुदा जोड़ो को ढाई – ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि के चैक प्रदान किये । डा.बनवारी लाल इस मौके पर नवयुगलों को शुभकामनाएं व आशीर्वाद देते हुए कहा कि समाज से जात-पात के जहर को मिटाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना समाज की बेहतरी के लिए उठाया गया एक बेहतरीन कदम है।
उन्होंने कहा कि समाज से जाति-पाति का भेदभाव मिटाने और आपसी सौहार्द को बनाए रखने के उद्देश्य से सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह योजना चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अस्पृश्यता को रोकने के लिए भी अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहन देना इस योजना का उद्देश्य है, ताकि समाज से जातिवाद का सफाया हो सके। उन्होंने कहा कि अंतरजातीय विवाह करने पर शादीशुदा जोड़े को ढाई लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ लेने के लिए जो भी लड़का या लड़की विवाह करेगा, उनमें से एक का अनुसूचित जाति से संबंध होना जरूरी है यानि कि विवाह करने वाले दंपत्ति में एक अनुसूचित जाति और दूसरा गैर-अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला होना चाहिए। इस पर सरकार द्वारा प्रोत्साहन के रूप में ढाई लाख रुपये की राशि दी जा रही है।
इस योजना का उद्देश्य अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देना है जिस से समाज में स्वर्ण और दलित के नाम पर बंटवारे को ख़त्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि समाज में अस्पृश्यता की समस्या समाप्त हो और लोगों के बीच प्रेम और सौहार्द बना रहे तथा राज्य में शांति के साथ सभी लोग मिलजुलकर रहे इसी उद्देश्य के साथ हरियाणा सरकार इस योजना चला रही है। मन्त्री ने कहा कि इस योजना के तहत मिलने वाली धनराशि दंपत्ति के संयुक्त सावधि जमा (एफडी) के रूप में दी जाती हैं । यह धनराशि विवाह के 3 वर्ष के बाद ही निकाली जा सकती हैं। इस योजना से नवयुगल को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी मिलेगी हैं। इस योजना से अंतर्जातीय विवाह करने पर प्रोत्साहन मिलेगा और रूढ़िवादिता भी कम होगी।
उन्होंने कहा कि जीवन साथी आपस में इसी प्रेम -प्यार कि भावना से अपने वैवाहिक जीवन को सफल बनाये , एक दूसरे कि भावना में कोई टकराव पैदा ना हो ताकि जीवन खुशी से व्यतीत हो सकें। डॉ बनवारी लाल ने कहा कि राज्य का समुचित विकास तभी संभव है, जब पिछड़े, वंचित और संसाधन विहीन लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे। राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति एवं पिछडा वर्ग के बुनियादी विकास पर ज्यादा जोर दे रही है, ताकि इस वर्ग के लोग शिक्षित और स्वावलंबी होकर अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए भी मार्ग प्रशस्त कर सकें।
अंतरजातीय विवाह योजना कि पात्रता शर्ते:–
सबसे पहले तो विवाह के लिए आवेदन करने वाले जोड़े को हरियाणा राज्य का मूल निवासी होना आवश्यक है। तभी उन्हें इस योजना के अंतर्गत सम्बंधित जिले से लाभ प्राप्त होगा।इस योजना के तहत लाभ सिर्फ उस जोड़े या दंपत्ति को मिलेगा जिनमे एक व्यक्ति दलित और दूसरा स्वर्ण जाति का होगा। अंतर्जातीय विवाह करने वाले दंपत्ति का यह पहला विवाह होना चाहिए अन्यथा वो इस योजना के तहत लाभ के अधिकारी नहीं होंगे। ये पति पत्नी दोनों पर ही शर्त लागू होगा। अगर दोनों में से किसी की भी पहले शादी हो चुकी है तो ये योजना उनके लिए नहीं होगी।यह अंतर्जातीय विवाह “हिंदू विवाह अधिनियम ” के तहत पंजीकृत होना चाहिए तभी इस योजना के लाभार्थी हो सकते हैं।विवाह करने वाले जोड़े में से युवक की उम्र 21 वर्ष या उस से अधिक व युवती की उम्र 18 वर्ष या उस से अधिक होनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज़
सबसे पहले नाम व पते के प्रमाण पत्र (इसमें आपको अपना आधार कार्ड , वोटर आईडी , ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि को अपने नाम व पते के प्रमाण पत्र के रूप में दिखाना होगा।)जन्म तिथि प्रमाण पत्र (जन्म प्रमाण पत्र , कक्षा 10 की मार्कशीट )पासपोर्ट साइज फोटो दोनों की।जाति प्रमाण पत्र दोनों कासेल्फ-डिक्लेरेशन एफिडेविट , जिसमे बताना होगा की दोनों की ही ये पहली शादी है।विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्रसंयुक्त बैंक खाते की पासबुक की प्रति इत्यादि।